भोपाल। एमआईसी गैस का प्रभाव नष्ट करने वाली दवा फैक्ट्री में मौजूद होने के बाद भी यूनियन कार्बाइड प्रबंधन ने आम लोगों को इसका लाभ नहीं दिया। जबकि फैक्ट्री की डिस्पेंसरी में त्रासदी की रात लगभग पांच सौ प्रभावितों का उपचार हुआ था और उनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई। दूसरी ओर शहर के अन्य अस्पतालों में लोग तड़प तड़पकर मौत के मुंह में पहुंच गए। यूनियन कार्बाइड...
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मुखिया पर हावी है नौकरशाह
भागलपुर। भागलपुर की दर्जनों महिला मुखिया ने कहा है कि पिछले साढ़े चार साल में उन्हें अपने कार्यों के संचालन में समस्याओं व चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। मुखिया की कार्यशैली पर नौकरशाह हावी है। पंचायत सचिव भी मनमानी करते हैं। प्रखंड से जिला तक रिश्वतखोरों का बोलबाला है। बिना रिश्वत के काम नहीं होने की स्थिति में मुखिया को भी चढ़ावा देना पड़ता है। मंगलवार को एक एनजीओ के तत्वावधान में स्थानीय...
More »रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज
नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...
More »बड़े पत्रकार, बड़े दलाल
पद्मश्री बरखा दत्त और वीर सांघवी. दो ऐसे नाम, जिन्होंने अंग्रेज़ी पत्रकारिता की दुनिया पर सालों से मठाधीशों की तरह क़ब्ज़ा कर रखा है. आज वे दोनों सत्ता के दलालों के तौर पर भी जाने जा रहे हैं. बरखा दत्त और वीर सांघवी की ओछी कारगुज़ारियों के ज़रिए पत्रकारिता, सत्ता, नौकरशाह एवं कॉरपोरेट जगत का एक ख़तरनाक और घिनौना गठजोड़ सामने आया है. देश की जनता हैरान है कि एनडीटीवी...
More »धरती कहे पुकार के
ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...
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