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एक अनूठा सत्याग्रह- गिरिराज किशोर

जनसत्ता, 10 दिसंबर,2011: कुछ घटनाएं महत्त्वपूर्ण होती हैं, पर सरकार और कई बार समाज भी उनका उतना संज्ञान नहीं लेता जितना लिया जाना चाहिए। अगर किसी घटना को नजरअंदाज करने से काम चल सकता है तो लोग सोचते हैं कि चला लेना ज्यादा सुविधाजनक है। भले ही देश या समाज को कितना भी आघात क्यों न पहुंचे। मणिपुर हमारे देश के पूर्वोत्तर का महत्त्वपूर्ण प्रदेश है। जब मैं वहां गया...

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भारत और इंडिया का फर्क- सुनील खिलनानी

हमारा यह कहना सही है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान और वैश्विक कारोबार में अपनी ऐतिहासिक हिस्सेदारी को फिर से प्राप्त कर रहा है। लेकिन इसके साथ-साथ कुछ अन्य अहम तथ्यों पर गौर करने की जरूरत है। उदाहरण के लिए, गरीबी खत्म करने, जनकल्याण के लिए कुछ मूलभूत सुविधाएं जुटाने और नए खतरों को कम करने की क्षमता अब हमारे भीतर है। यह क्षमता होने के बावजूद हमने...

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हद से बाहर-सुधांशु रंजन

उच्चतम न्यायालय के हाल के कुछ निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय बहस शुरू हो गई है कि अदालतों को नीतिगत मामलों पर फैसला करने का हक है या नहीं। कई राजनीतिक दल न्यायपालिका की सीमा तय करने के लिए संसद में बहस कराना चाहते हैं। इस मुद्दे पर 14वीं लोकसभा में भी बहस हो चुकी है और उसमें संसद को सर्वोपरि माना गया था। परंतु न्यायालय को समीक्षा का अधिकार है,...

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छत्तीसगढ़ में एसपीओ और सुप्रीम कोर्ट - कनक तिवारी

जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायमूर्ति सेवानिवृत्त होते बी. सुदर्शन रेड्डी और सुरेन्दर सिंह निज्जर की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला देते हुए छत्तीसगढ़ शासन के उन आदेशों को निरस्त कर दिया है, जिनके अनुसार बस्तर में नक्सलियों से निपटने के लिए विशेष पुलिस कर्मी (एसपीओ) को भरती कर मजबूर, गरीब और लगभग अशिक्षित आदिवासी युवकों के हाथों में कथित आत्मसुरक्षा के नाम पर बंदूकें थमा दी गई थीं....

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शिक्षा ढांचे में सुधार की जरूरत : प्रो. अम‌र्त्य सेन

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : देश की शिक्षा में गुणवत्ता का अभाव है। इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। चीन, कोरिया, इंग्लैंड की तर्ज पर भारत में भी तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए। रोजगारपरक शिक्षा मिलने से देश के युवा सही दिशा में अग्रसर हो सकेंगे। यह विचार इंडिया हैबिटेट सेंटर में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रो. अम‌र्त्य सेन ने व्यक्त किए। प्रो. सेन को राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय...

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