नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...
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सरकारी कागजों में स्लम का अकाल
अगर कोई पूछे कि मुंबई महानगर में झोपड़ बस्तियों को हटाने की दिशा में जो काम हो रहा है, उसका क्या असर पड़ा है तो इस सवाल का एक जवाब ये भी हो सकता है- आने वाले दिनों में झोपड़ बस्तियों की संख्या बढ़ सकती है. मुंबई महानगर का कानून है कि जो बस्ती लोगों के रहने लायक नहीं है, उसे स्लम घोषित किया जाए और वहां बस्ती सुधार की योजनाओं...
More »खनन पट्टों के नवीकरण पर रोक से उबाल
सासाराम। रोहतास उद्योग पूंज की बंदी की भरपाई को विकसित करवंदिया का पत्थर उद्योग संकट में है। इस उद्योग से सीधे जुड़े 50 हजार हांथों पर बेरोजगारी की तलवार लटक गयी है। दो हजार करोड़ के सालाना टर्न ओवर वाले इस उद्योग से मजबूत हुई जिला की आर्थिक संरचना भी डगमगाने लगी है। आने वाली स्थिति को भाप करोड़ों की पूंजी लगाये बैंकों के हाथ-पाव फूलने लगे हैं। हाल में राज्य सरकार के बिहार लघु...
More »पांच अनाथ बच्चों की कब बदलेगी किस्मत?
इंद्री, संवाद सहयोगी : पहले मां फिर पिता का साया उनके सिर से उठ गया। उम्र इतनी नहीं है कि वे अपने पैर पर खड़ा हो जाएं। इस दयनीय हालात में सरकारी अमले की कार्रवाई भी उन्हें राहत देने के बदले नुकसान पहुंचा रहा है। यह कहानी है गाव खेड़ा में रहने वाले पाच बच्चों की। वे तीनों अनाथ हैं। जिस बीपीएल कार्ड के कारण इस परिवार का पक्का मकान बना था, अब...
More »जमींदोज हुआ डेहरी का बाध उद्योग
डेहरी-आनसोन (रोहतास) एक दशक पूर्व तक करघे की खट-खट से गुलजार रहने वाले डेहरी के शिवगंज, कमरनगंज व चौधरी मुहल्ले की मशीने शांत पड़ गयी हैं। संरक्षण के अभाव में बाध (रस्सी) का कुटीर उद्योग जमींदोज हो गया। इससे कभी सैकड़ों निषाद परिवारों के घर के चूल्हे चलते थे, आज वे दिहाड़ी मजदूर बन गये हैं। नगर परिषद के अंतर्गत पड़ने वाले चौधरी मुहल्ला, शिवगंज व कमरनगंज में लगभग 85 परिवार इससे जुड़े थे। प्रत्यक्ष...
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