बेमौसम बारिश और ओलों की मार से त्रस्त किसानों तक मुआवजा राशि पहुंचाने में भी कई तरह की ‘आपदाएं' सामने आ रही हैं। कहीं चेक कम पड़ गए हैं तो कहीं अफसरों-कर्मचारियों के अपनी जगह से न हिलने के चलते सर्वे ठीक से नहीं हो पा रहा है। स्थिति यह है कि किसान त्राहिमाम कर रहे हैं और जिलों का प्रशासन 25 मार्च तक उनके यहां भेज दी गई राशि का...
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एक किसान का दर्द, आंखों में चुभी बर्बाद फसल तो लगा दी आग
बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान का सबसे ज्यादा खामियाजा इस बार अगर किसी उठाना पड़ा है तो वो किसान हैं। जिनकी बर्बाद फसलों ने उन्हें इसकदर तोड़ दिया कि वह खुद को संभालने में ही असफल होते जा रहे हैं। शायद इसीलिए देश के अलग-अलग हिस्सों से किसानों के आत्म हत्या की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में एक किसान ऐसा भी मिला जो अपनी बर्बाद फसलों को देखकर ऐसा दुखी...
More »उदारीकरण में पिसती ग्रामीण अर्थव्यवस्था- सुषमा वर्मा
विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...
More »घटता पैसा और ठहरे ग्राम न्यायालय
क्या केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता के अभाव में ग्राम न्यायालयों की संख्या नहीं बढ़ पा रही ? उपलब्ध सरकारी दस्तावेज के आंकड़ों से कम से कम इसी आशंका की पुष्टी होती है। केंद्र की पिछली सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री कपिल सिब्बल ने 18 दिसंबर 2013 को एक प्रश्न के उत्तर में लोकसभा को बताया कि ग्राम न्यायालय एक्ट के अमल में आने के चार सालों में राज्यों को...
More »उदारीकरण में पिसती ग्रामीण अर्थव्यवस्था- सुषमा वर्मा
विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...
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