विदर्भ को देश भर में किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रुप में जाना जाता है लेकिन इसी इलाके में सतपुड़ा पर्वत में बसी मेलघाट की पहाड़ियों में छोटे बच्चों की मौत के आंकड़े पहाड़ियों से ऊंचे होते चले जा रहे हैं. साल दर साल कोरकू आदिवासियों के हजारों बच्चे असमय काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं. कुपोषण मेलघाट में 1993 को पहली बार कुपोषण से बच्चों के मरने...
More »SEARCH RESULT
चलो अफ्रीका में करें खेती
बेंगलूर। दूसरों की जमीनों पर अपने खून-पसीने से 'सोना' पैदा करने वाले हजारों किसानों की किस्मत बदल सकती है। अपने मुल्क में न सही, लेकिन कुछ अफ्रीकी देशों में उन्हें खेती करने और उस जमीन का मालिक बनने का मौका जरूर मिल सकता है। ये अफ्रीकी देश 99 साल के पट्टे पर अपनी भूमि विदेशी किसानों को मुफ्त में देने को तैयार हैं। चीन समेत कई देशों के किसानों ने...
More »तो हकीकत बनेगा लखटकिया ट्रैक्टर!
गोरखपुर [गिरीश पांडेय]। नैनो जैसा लखटकिया ट्रैक्टर? खेती-बारी से जुड़े तमाम लोगों के मन में यह सवाल उठता है। क्या लाख रुपये का ट्रैक्टर किसानों को मिल सकता है? मिलेगा तो कैसे? इसकी उपयोगिता और क्षमता क्या होगी? ट्रैक्टर निर्माताओं के डीलरों से मिल रहे फीड बैक के मुताबिक ऐसा संभव है। कुछ कंपनियां तो सस्ते ट्रैक्टर के निर्माण के क्षेत्र में पहल भी कर चुकी हैं। मसलन हाल ही...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 1
अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2
सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
More »