हिसार, जागरण संवाददाता हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट वैज्ञानिकों के मुताबिक देश में हालाकि विकसित देशों के मुकाबले कीटनाशक रसायनों की कृषि में खपत बहुत कम है फिर भी कृषि उत्पादों तथा पर्यावरण में इन हानिकारक रसायनों के अवशेष मिलना आम बात है जोकि मानव स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है। खाद्य पदार्थो तथा पर्यावरण में कीटनाशक रसायनों के निर्धारित सुरक्षित मात्रा से अधिक अवशेष पाए जाने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है। विश्वविद्यालय के...
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फैलने लगी महंगाई की आग
आगरा। महंगाई के खिलाफ भड़की आग फैलने लगी है। जगदीशपुरा में बवाल के दूसरे दिन हरीपर्वत में बस्ती वाले हाईवे पर उतर आए। नारेबाजी करते प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप धारण कर लिया, तभी पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। अधिकारी घंटे भर बस्तीवालों को समझाते रहे। उधर, जगदीशपुरा में बवाल के दूसरे दिन बाजार खुले और स्थिति शांतिपूर्ण रही। पुलिस ने नौ सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ...
More »का बरसा जब कृषि सुखाने...
कहावत है कि का बरसा जब कृषि सुखाने और इस कहावत से सीख लेते हुए मानसून की पिछात बारिश में मारे खुशी के फूलकर कुप्पा होने से पहले यह सोचना जरुरी है कि आखिर नुकसान कितना हो चुका है। नुकसान हुआ है और भरपूर हुआ है। देश के खेतिहर इलाके के ६० फीसदी हिस्से पर, खासकर उत्तर-पश्चिमी हिस्से में, इस बार रबी की फसल नहीं काटी जा सकेगी और ये...
More »हरित क्रांति का जनक
आज हमारे अन्न भंडार भरे हुए हैं। देश ने पिछले साल रेकॉर्ड 73.5 मिलियन टन गेहूं पैदा किया है। अमेरिकी कृषि वैज्ञानिक नॉर्मन ई. बोरलॉग नहीं रहे, पर इसका बहुत कुछ श्रेय उन्हें भी जाता है। भारत और पाकिस्तान समेत कई और विकासशील देशों को अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में उनके द्वारा शुरू किए गए कृषि नवाचारों का योगदान रहा है। साठ के दशक में जब तत्कालीन...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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