SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 385

इस असंतोष की जड़ें- पुण्य प्रसून वाजपेयी

जनसत्ता 8 नवंबर, 2012: बेचैनी हर किसी में है। आम आदमी की बेचैनी रोज-रोज की परेशानी से जूझते हुए पैदा हुई है। खास लोगों की बेचैनी सत्ता-सुख गंवाने के डर से उपजी है। विरोध में उठे हाथ गुस्से में हैं। गुस्सा जीने का हक मांग रहा है। सत्ता को यह बर्दाश्त नहीं है तो वह गुस्से में उठे हाथों को चिढ़ाने के लिए और ज्यादा गुस्सा दिलाने पर आमादा है। गुस्सा...

More »

अमेठी में स्कूलों से भूखे पेट लौट रहे हैं बच्चे

स्वामीनाथ शुक्ल, अमेठी। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक फरमान से जिले के 1766 सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना संकट में है। करीब ढाई लाख बच्चे रोजाना स्कूल से भूखे पेट घर लौट रहे है। रसोई गैस की कीमत बढ़ने से विद्यालयों में भोजन बनना बंद हो गया है। इससे स्कूलों में सन्नाटा छा गया है। दरअसल, अधिकांश बच्चे स्कूलों में भोजन, वर्दियां, बैग, वजीफा और सरकारी किताबों की लालसा में पढ़ने जाते...

More »

आंदोलन से आगे- एन के सिंह

जनसत्ता 29 अक्टुबर, 2012: यह मानना गलत होगा कि अरविंद केजरीवाल ने बिजली के सरकार द्वारा काटे गए कनेक्शन फिर से जोड़ कर जनता को कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बरगलाया है। दरअसल, यह हमला उस मर्मस्थल पर है जिसे हम शासन करने की वैधानिकता कहते हैं। यह आघात एक सड़ी हुई व्यवस्था पर है जिस पर से जनता का विश्वास लगभग उठ चुका है। गांधी ने भी यही किया था। सविनय-अवज्ञा...

More »

अखिलेश के लिए चुनौती बने भ्रष्ट अफसर

लखनऊ, 23 अक्तूबर। अखिलेश यादव के लिए उत्तर प्रदेश के भ्रष्ट अफसर चुनौती बने हुए हैं। पुलिस प्रशासन से लेकर सचिवालय तक सत्ता बदलने के सात महीने बाद भी ढर्रा बदला नहीं है। सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने करीब दो  दर्जन विभागों के प्रमुख सचिवों को फटकार लगा कर इसकी पुष्टि भी कर दी है। बाद में कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। दरअसल, बसपा राज में पहले...

More »

फिर अहम होता व्यवस्था परिवर्तन का मुद्दा- प्रो आनंद कुमार

आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन की बात फिर चल रही है. लेकिन, जब कभी इस तरह के आंदोलनों की बात छिड़ती है, तो बरबस लोकनायक जयप्रकाश नारायण का चेहरा व चिंतन हमारे जेहन में आता है. अमूमन जेपी की शख्सीयत को सत्तर के दशक में उनके द्वारा दिये गये संपूर्ण क्रांति के नारे में ही समेटने की कोशिश होती है. सच यह है कि जेपी ने इस देश...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close