संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल का बड़ा अहम फैसला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ा फैसला करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पास कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। कड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधेयक पास भी हो गया। लेकिन इसी के साथ आर्थिक संकट से जूझ रहे राजकोष पर पडऩे वाले...
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हेमंत सोरेन ने कहा, खनिजों का दंश भोग रहा है झारखंड
रांची. 14 वें वित्त आयोग के समक्ष झारखंड का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा : खनिज संपदा से परिपूर्ण होने के बावजूद झारखंड के लोग गरीब हैं. पूरे देश का पोषक माना जानेवाले झारखंड का एक तरह से शोषण हो रहा है. राज्य की खनिज संपदा के बदले मिलनेवाली सालाना तीन हजार करोड़ की रॉयल्टी बिल्कुल नगण्य है. खनिजों के बदले झारखंड बहुत कुछ खो रहा है. हमारा पर्यावरण प्रदूषित...
More »एमपी के 21 में से सिर्फ 2 सेज चालू हो पाए- शमशेर सिंह
विशेष आर्थिक क्षेत्र यानि सेज के प्रति डेवलपर कंपनियों और निर्यातकों की दिलचस्पी घटने के बाद पिछले मार्च में केंद्र सरकार ने इनके आकार में छूट देने की पहल की। इसके अलावा जमीन के उपयोग में ज्यादा आजादी और ऐसे प्रोजेक्ट से बाहर निकलने के लिए आसान प्रक्रिया बनाई गई थी। लेकिन सरकार ने कोई टैक्स छूट देने से साफ इंकार...
More »आदिवासी विमर्श का दायरा- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 25 नवंबर, 2013 : बढ़ता कृषक असंतोष, छिटपुट विस्फोटों से प्रकट हो रहा है- भू-स्वामियों के बढ़ते शोषण और दमन के विरोध में सशस्त्र प्रतिरोध की तरफ बढ़ता हुआ यह घटनाचक्र पूरे देश के पैमाने पर, विशेषकर आदिवासियों की तरफ फैलता जा रहा है।’ क्या शीर्षक (आदिवासी: शोषितों में सबसे बुरी स्थिति) समेत इन पंक्तियों के बारे में यह ठीक-ठीक अनुमान लगाया जा सकता है कि ये कब लिखी गई होंगी?...
More »अभिशाप बना खनन-उद्योग- पी जोसेफ
राज्य के बंटवारे के बाद कहा जा रहा था कि बिहार राज्य में राजस्व का कोई स्रोत नहीं बचा. सभी खनन क्षेत्र झारखंड में जाने के कारण बिहार आर्थिक बदहाली में पहुंच जायेगा, पर ऐसा नहीं हुआ. बिहार में मात्र बालू एवं पत्थर से खनन क्षेत्र में लगभग झारखंड राज्य के जितना ही राजस्व आ रहे हैं. दूसरी तरफ, झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाले इस उद्योग को उचित...
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