आम सोच यह है कि स्कूल व शिक्षक जवाबदेह नहीं हैं, इसलिए स्कूली शिक्षा की हालत खराब है। लेकिन यह मसला इतना परेशान करने वाला क्यों है? आइए, बात को ‘जवाबदेही’ शब्द से ही शुरू करें और इसके इस्तेमाल को समझों। आज इस शब्द का सबसे अधिक इस्तेमाल कारोबारी दुनिया में होता है। इस तरह की सोच यांत्रिक प्रणालियों का नतीजा है, वहां पर लोगों को किसी चीज की जिम्मेदारी...
More »SEARCH RESULT
उपज का घटता भाव- संजीव झा
एक तरफ खाद-उर्वरक के बढ़ते उपयोग के चलते कृषि पैदावार में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई, तो दूसरी तरफ तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण ने कृषि योग्य भूमि के विस्तार को सीमित कर दिया। पिछली सदी के दौरान खाद्यान्न की मांग में खासी तेजी के बावजूद खाद्यान्न की कीमत में वास्तविक अर्थों में हर वर्ष 0.7 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। खेती की उपज को लेकर देश के साथ-साथ दुनियाभर के आंकड़ों...
More »काली की मेहनत से बंजर में छायी हरियाली- शिकोह अलबदर
रांची से पलामू जाने वाले एनएच - 75 पर ब्रांबे से उेढ़-दो किमी बायीं ओर लगभग छह-सात एकड़ भूमि में हरी-भरी सब्जियां की फसल, फूल और फल आपको हर मौसम में दिख जायेंगे. बरबस आपका ध्यान यह दृश्य अपनी ओर आकर्षित कर लेगा. इन खेतों में आपको तमाम तरह के मौसमी सब्जियां मिल जायेंगी. ये जमीन कई वर्ष तक बंजर पड़ी रही थीं. लेकिन एक इनसान की मेहनत और लगन...
More »काली की मेहनत से बंजर में छायी हरियाली- शिकोह अलबदर
रांची से पलामू जाने वाले एनएच - 75 पर ब्रांबे से उेढ़-दो किमी बायीं ओर लगभग छह-सात एकड़ भूमि में हरी-भरी सब्जियां की फसल, फूल और फल आपको हर मौसम में दिख जायेंगे. बरबस आपका ध्यान यह दृश्य अपनी ओर आकर्षित कर लेगा. इन खेतों में आपको तमाम तरह के मौसमी सब्जियां मिल जायेंगी. ये जमीन कई वर्ष तक बंजर पड़ी रही थीं. लेकिन एक इनसान की मेहनत और लगन...
More »सुखदेई ने सूत कताई को बनाया आजीविका का जरिया
गढ़वा प्रखंड के टंडवा की रहनेवाली सुखदेई देवी का घर की देहरी से निकलकर दिल्ली के विज्ञान भवन तक का सफर महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है. सुखदेई ने गढ़वा ही नहीं पूरे झारखंड राज्य को सम्मानित करने का काम किया है. गढ़वा शहर के सोनपुरवा स्थित झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में स्थापित प्रशिक्षण केंद्र से सुखदेई देवी ने 2008-09 में जुड़ कर सूत कताई का कार्य प्रारंभ किया. साक्षर सुखदेई...
More »