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चल नहीं रेंग रहा साक्षरता कार्यक्रम

हर साल आठ सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर सरकारी कार्यक्रम का आयोजन होता है. स्कूलों में प्रभात फेरी निकाली जाती है. बच्चों से नारे लगवाये जाते हैं- आधी रोटी खायेंगे फिर भी स्कूल जायेंगे. पत्ता-पत्ता अक्षर होगा हर कोई साक्षर होगा आदि-आदि. इसके बाद प्रखंड, जिला एवं राज्यस्तर पर सम्मेलन होता है. इसमें अफसर एवं नेता आते हैं. भाषण देते हैं. निरक्षरता को मानव समाज के लिए कलंक बताते...

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गरीबों के नाम पर अर्थव्यवस्था का कबाड़ा- तवलीन सिंह

हमारे अपनों ने गरीब जनता के नाम पर पिछले सप्ताह की अर्थव्यवस्था की भयानक अनदेखी। दोष हर उस सांसद का है, जिसने खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित करने के लिए वोट डाला, लेकिन सबसे ज्यादा दोष किसी का है, तो वह है प्रधानमंत्री का, वित्त मंत्री का और सोनिया गांधी का। सोनिया और उनके सुपुत्र राहुल गांधी का हाथ भूमि अधिग्रहण विधेयक में भी है, जिसका पारित होना भी तकरीबन तय...

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खाद्य या यूपीए-सुरक्षा बिल!- प्रमोद जोशी

जिस विधेयक को लेकर राजनीति में ज्वालामुखी फूट रहे थे, वह खुशबू के झोंके सा निकल गया. पक्षियों-विपक्षियों में उसे गले लगाने की ऐसी होड़ लगी, जैसे अपना बच्चा हो. आलोचना भी की तो जुबान दबा कर. यों भी उसे पास होना था, पर जिस अंदाज में हुआ उससे कांग्रेस का दिल खुश हुआ होगा. जब संसद के मॉनसून सत्र के पहले सरकार अध्यादेश लायी तो वृंदा करात ने कहा था,...

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खाद्य सुरक्षा विधेयक लोकसभा में पास, विपक्ष ने कहा 'वोट सुरक्षा विधेयक'

नई दिल्ली। लंबे इंतजार और गतिरोध के बाद आखिरकार ऐतिहासिक खाद्य सुरक्षा विधेयक सोमवार को लोकसभा में पास हो गया। विधेयक को सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी। विधेयक पास होने के समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सदन में मौजूद थे। विधेयक पास करने से पहले सदन ने विपक्ष की ओर से पेश संशोधनों को नामंजूर कर दिया। इस विधेयक में देश की 82 करोड़ आबादी को सस्ता अनाज मुहैया कराने का प्रावधान...

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जो अन्न उपजाता है वही भूखा रह जाता है : देविंदर शर्मा

खाद्य सुरक्षा विधेयक का विरोध दो कारणों से हो रहा है. एक राजनीतिक और दूसरा कॉरपोरेट घरानों या उनके समर्थक अर्थशास्त्रियों की ओर से. उनका कहना है कि खाद्यान्न सुरक्षा पर हर साल एक लाख 25 हज़ार करोड़ रुपये  खर्च होगा. इससे घाटा बढ़ेगा इसलिए इसकी कोई ज़रूरत नहीं है. खाद्यान्न सुरक्षा पर हर साल एक लाख 25 हज़ार करोड़ रु पए ख़र्च होने पर एतराज़ जताया जा रहा है....

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