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बालश्रम का कलंक- निशिकांत ठाकुर

आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी जो बातें भारत के लिए शर्म की बड़ी वजह बनी हुईं हैं बालश्रम को अगर उनमें सबसे ऊपर रखा जाए तो गलत नहीं होगा। आज भी हमारे देश में करोड़ों बच्चे खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने की उम्र में खेतों से लेकर होटलों और खतरनाक उद्योगों तक में अत्यंत विकट परिस्थितियों में जीतोड़ मेहनत करने के लिए मजबूर हैं। बेफिक्री की उम्र में ही उनके ऊपर इतनी...

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'...पर क्या आजाद भारत किसी लिहाज से संपूर्ण है?'- अरूंधति राय से शोमा चौधरी की बातचीत

अरुंधती रॉय से जुड़े हालिया और कई पुराने विवादों पर शोमा चौधरी(तहलका) की उनसे बातचीत आपने दिल्ली और कश्मीर में जो बयान दिए उनके आधार पर सरकार आपके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाने पर विचार कर रही है. राजद्रोह आपकी नजर में क्या है? क्या आप खुद को राष्ट्रद्रोही मानती हैं? दिल्ली और श्रीनगर में ऐसे मंच से बयान देने के पीछे आपकी मंशा क्या थी जिसका शीर्षक था - आजादी:...

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अब महिलाएं होंगी घर की मुखिया! -- यूपीए के खाद्य सुरक्षा बिल में प्रावधान

यूपीए सरकार के प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल में पुरुषों के बजाये महिलाओं को घर के मुखिया का दरजा मिल सकता है. सरकार रियायती दर पर अनाज देने के लिए महिलाओं को घर का मुखिया मानते हुए उनका चयन करेगी. सरकार की इस कल्याणकारी योजना में यह अनोखा प्रस्ताव बाद में जोड़ा गया है. खाद्य सुरक्षा बिल के प्रस्ताव पर पूर्व में हुई चरचाओं में इस तरह की कोई प्रावधान नहीं...

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कन्या हंता समाज?- संपादकीय(दैनिक भास्कर)

शिक्षा और समृद्धि के साथ मनुष्य उदात्त होता है, यह आम धारणा है। लेकिन लड़कियों के प्रति भारतीय समाज का बनता नजरिया इस धारणा पर गहरी चोट करता है। मशहूर पत्रिका ‘लैंसेट’ ने यह राज खोला है कि भारतीय समाज में जन्म से पहले ही हत्या का शिकार हो रही बेटियां आमतौर पर वो हैं, जो सामान्यत: शिक्षित और समृद्ध घरों में जन्म लेतीं। यह आंकड़ा अपने आप में बेहद दुखद...

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महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत

नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...

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