बाल श्रम हमारे समय की एक दुखद सच्चई है. तरक्की के तमाम दावों के बावजूद आज हम उद्योग-धंधों से लेकर घर के भीतर तक पूरी दुनिया में किसी न किसी रूप में बाल श्रमिकों को देख सकते हैं. इसकी रोकथाम के लिए बेशक कई कानूनी प्रावधान किये गये हों, लेकिन पिछड़े क्या विकसित कहे जाने वाले समाजों तक में लाखों बच्चों का बचपन पेट की भूख मिटाने में दफन हो जाता है. वर्ल्ड...
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दंडकारण्य का दावानल- कनक तिवारी
जनसत्ता 29 मई, 2013: सुकमा से राष्ट्रीय शोक का एक मर्मांतक ज्वालामुखी पैदा हुआ है। कांग्रेस के काफिले पर नक्सलियों ने घात लगाकर अंधाधुंध फायरिंग की। उसमें पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं समेत करीब तीस लोग मारे गए। बस्तरिहा घाटियों में माओवादियों द्वारा यह पहला नरसंहार नहीं था। माओवादी वर्षों से अपनी क्रूरता के घिनौने कारनामे अंजाम दे रहे हैं। ताजा हमला विशेष मायने रखता है। कांग्रेसी राजनीतिकों का काफिला...
More »अर्थशास्त्र की ऊंची मीनार से कुपोषण मिटाने की यह कवायद....
भारतीयों को विवाद-प्रिय माना जाता है और हमारी यह विवादप्रियता एक बार फिर से उठान पर है ! गरीबी-रेखा और गरीबों की तादाद के बारे में लंबे समय तक वाक्युद्ध में उलझे रहने के बाद, प्रसिद्ध अनिवासी भारतीय(एनआरआई) अर्थशास्त्रियों ने एक बार फिर से विवाद छेड़ा है कि भारत में कुपोषण का विस्तार कितना है। पहले योजना आयोग ने गरीबों की संख्या को कागजी तौर पर घटाने की कोशिश की...
More »मासूम गिरोहों की दिल्ली- प्रियंका दुबे
समाज व व्यवस्था की उदासीनता और वयस्क अपराधियों की सक्रियता की वजह से दिल्ली में बच्चों के कई आपराधिक गिरोह पनप रहे हैं. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. गर्मियों की एक दोपहर. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन. नई-दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस अपनी यात्रा पूरी कर चुकी है. यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर उतारने के बाद खाली हो चुकी ट्रेन धुलाई-सफाई के लिए रेलवे स्टेशन के पीछे बने यार्ड की तरफ बढ़ रही है. अचानक एक कोच...
More »उत्तर प्रदेश: एक शहर का कहर- जयप्रकाश त्रिपाठी
कहीं कब्रिस्तान और श्मशान पर कब्जा तो कहीं तालाब पाटकर बनती बहुमंजिला इमारतें. कहीं फर्जी रजिस्ट्री तो कहीं बिना मुआवजा दिए ही जमीन का अधिग्रहण. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाईटेक टाउनशिप की आड़ में हो रही इन कारगुजारियों से परेशान हजारों किसानों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट. रसूखदार और ताकतवर के लिए उत्तर प्रदेश में नियम-कानून कोई मायने नहीं रखते, यह हाल के...
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