पंजाब के बिगड़ते हालात बरसों से सियासी पार्टियों का चुनावी एजेंडा होने के बावजूद हालात बद से बदतर सियासी पार्टियों पर भी लगाए जाते रहे हैं नशीली दवाओं को संरक्षण देने के आरोप रोजगार के नाम पर सरकार ने सिर्फ 1,000 रुपये के मासिक भत्ते का प्रावधान किया है शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी। समूचे देश की भांति पंजाब में भी यही तीन ऐसे अहम मसले हैं जो बरसों पुराने हैं, लेकिन आज के...
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नरम दिल सहिया व कड़क मुखिया हैं पानो- वीरेन्द्र कुमार सिंह
सिंहभूम पूर्वी जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत पोटका पंचायत की मुखिया पानो सरदार को संपूर्ण प्रखंड क्षेत्र के लोग जानते हैं. पानो सरदार को लोग इसलिए नहीं जानते कि वह एक मुखिया हैं. बल्कि मुखिया से ज्यादा लोग उन्हें सहिया के रूप में जानते हैं. हालांकि पानो सरदार सरमंदा ग्राम पंचायत की सहिया हैं. परंतु प्रखंड की किसी भी पंचायत की सहिया व उनके क्षेत्रों के मरीजों की कोई समस्या हो तो...
More »राजनीतिक पार्टियां पारदर्शिता के पक्ष में नहीं हैं : अनिल वर्मा
चुनाव में खड़ा प्रत्याशी कैसा होना चाहिए? लोकसभा चुनाव के घोषणा के साथ ही लोगों में यह चर्चा भी आम हो जाती है. बेदाग छवि और कर्मठ सांसद की तलाश हर क्षेत्र के लोगों को रहती है. सांसद के पास क्षेत्र के विकास के लिए न तो योजना की कमी रहती है और न ही फंड की. सन् 2011 से पहले जहां एक सांसद को क्षेत्र के विकास के लिए 2 करोड़...
More »राजनीतिक दलों के एजेंडे में हाशिये पर गांव- शिकोह अलबदर
हाथ छाप को दिया, फूल (कमल) को दिया, जहां बोला वहां दे दिया, अब तक पांच बार वोट दिया है, कुछछो नहीं मिला. यह कहते हुए पचहत्तर की उम्र पार कर चुकी पार्वती देवी धान उसनने के काम में फिर से लग जाती हैं. पार्वती देवी रांची के ओरमांझी प्रखंड के उलातु गांव की रहने वाली हैं. चुनाव होते हैं. सांसद और विधायक चुने जाते हैं. लेकिन इस गांव की...
More »बबीता ने जैविक खेती से 374 किसानों को जोड़ा
आम तौर पर पढ़ी-लिखी महिलाएं खेतीबारी में कम ही रुचि रखती हैं. उनका रुझान दूसरे कार्यो की ओर अधिक होता है. बबीता कश्यप इस मामले में अपवाद हैं. उन्होंने खेती की ओर रुख किया और गांव-गांव में महिलाओं को इससे जोड़ने का अभियान छेड़ा. बबीता ने रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती को अपनाया. 2005 में रामगढ़ से एकाउंट ऑनर्स की पढ़ाई पूरी करने वाली बबीता हमेशा कुछ नया करने की...
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