पांच राज्यों के चुनावी नतीजों ने किसानों को फिर से राजनीति के केंद्र में ला दिया है। संदेश साफ है कि खेती-किसानी के हित में हमारे नेताओं को अब गंभीरता से सोचना ही होगा। जनादेश बता रहा है कि लोग अब अपनी जरूरतों को अहमियत देने लगे हैं। खासतौर से नौकरी और आमदनी उनके लिए महत्वपूर्ण सवाल बनकर उभरे हैं। इसीलिए चुनावों में उन्होंने अन्य सभी ‘इमोशनल' मुद्दों को किनारे...
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प्याज का खेल, खिलौना बने किसान
भोपाल से वैभव श्रीधर। मध्य प्रदेश में किसान एक बार फिर परेशान हैं। मंदसौर, नीमच की मंडियों में प्याज की कीमत पचास पैसे प्रति किलो तक ही मिल रही है, तो उनकी नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। प्याज को बेचने के लिए मंडी तक लाने का खर्च नहीं निकल पाने से गुस्साए किसान प्याज मंडी में छोड़कर जा रहे हैं। ये हालात तब हैं जब गत वर्षों में सरकार...
More »हकीकत को जानने का नया औजार-- कार्तिक मुरलीधरन
सरकारी दफ्तरों में बैठे हुए हाकिमों को ‘जमीनी हकीकत' जानने में जो समस्या पेश आती है, वह कोई नई नहीं है। इतिहास बताता है कि अशोक से लेकर अकबर तक तमाम सम्राट सच जानने के लिए वेश बदलकर अपने राज्य में घूमा करते थे। आज भी हमारी सरकारों के लिए यह जानना एक बड़ी चुनौती है कि उनकी जन-हितकारी योजनाएं कैसी चल रही हैं? कनिष्ठ अधिकारी अक्सर इन योजनाओं...
More »मोदी राज में किसान: डबल आमद या डबल आफत?
खेती-किसानी के मोर्चे पर केंद्र सरकार ने गुजरे चार सालों में क्या कुछ किया है, उसपर आप महज एक घंटे में राय बनाना चाहते हैं तो फिर यह पुस्तक आप ही के लिए है.(पुस्तक आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं) किसानी के मोर्चे पर केंद्र सरकार के हासिल-लाहासिल को परखने के तीन रास्ते हो सकते हैं. एक तो सरकार के वादों को परखना कि वे किस हद तक पूरे हैं. दूसरे, सरकार के दावों...
More »देश के छह करोड़ गरीबों को बनाया जा रहा है डिजिटल साक्षर : रविशंकर
पटना : केंद्रीय कानून एवं आईटी मंत्री ने कहा कि पूरा देश डिजिटल हो रहा है. देश के छह करोड़ गरीबों को डिजिटल रूप से साक्षर किया जा रहा है. आने वाले समय में भारत कौशल विकास का बड़ा हब बनेगा. कौशल विकास समय की मांग है. स्किल इंडिया को मजबूत बनाने के लिए सबको मिलकर काम करना होगा. भारत हुनरमंद देश के रूप में अपनी पहचान बना रहा...
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