आर्थिक उदारीकरण के दौर में जिन राज्यों के आर्थिक विकास की दर तेज रही और जिन्हें समय-समय पर एक मॉडल की तरह पेश किया गया, वहां अब सामाजिक- आर्थिक स्थिति विस्फोटक हो रही है। पिछले एक वर्ष में हरियाणा के जाटों, गुजरात के पटेलों, महाराष्ट्र की मराठा जातियों और आंध्र प्रदेश में कापू जाति के लोगों ने खुद को अन्य पिछड़ी जातियों में शामिल किए जाने की मांग को लेकर...
More »SEARCH RESULT
आर्थिक उदय का वह नायक- संजय बारु
आज कच्चे तेल की कीमतों के गिरने पर दुनिया इस चिंता में दुबली हुई जा रही है कि इसका आर्थिक विकास पर कितना बुरा असर पड़ेगा। हालांकि कच्चे तेल के मामले में पूरी तरह आयात पर निर्भर भारत इस परिस्थिति पर न तो खुश होता दिखता है, और न ही दुखी। दरअसल, भारतीय नीति-नियंता उन कीमतों को नहीं भूल पाए हैं, जो उन्हें तेज वृद्धि के दौरान चुकानी पड़ी थी। उनका...
More »बड़ा सवाल बीमार बैंकों का है- प्रमोद जोशी
विडंबना है कि जब देश के 17 सरकारी बैंकों के कंसोर्शियम ने सुप्रीम कोर्ट में रंगीले उद्योगपति विजय माल्या के देश छोड़ने पर रोक लगाने की मांग की, तब तक माल्या देश छोड़ चुके थे. अब सवाल बैंकों से किया जाना चाहिए कि उन्होंने क्या सोच कर माल्या को कर्जा दिया था? हाल में देश के 29 बैंकों से जुड़े कुछ तथ्य सामने आये, तो हैरत हुई कि यह...
More »छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय 81,756 रुपए, 10.84 फीसदी की वृद्धि
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2015-16 विधानसभा में किया गया। योजना, आर्थिक, सांख्यिकी मंत्री पुन्नूलाल मोहले ने सर्वेक्षण सदन के पटल पर रखा। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2015-16 में प्रति व्यक्ति आय बाजार मूल्य पर 81 हजार 756 रुपए अनुमानित है। जबकि वर्ष 2014-15 में प्रति व्यक्ति आय 73 हजार 758 रुपए थी। इसमें गत वर्ष की तुलना में 10.84 फीसदी की वृद्धि है। इसके पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर...
More »जरूरी है किसानों की आय बढ़ाना --- देविन्दर शर्मा
भारत के 17 राज्यों में खेती से एक किसान की औसत आय 20 हजार रुपये सालाना है. इसमें उत्पादन का वह अंश भी शामिल है जिसे वह पारिवारिक उपभोग के लिए रखता है. दूसरे शब्दों में, इन राज्यों में किसान की औसत मासिक आय महज 1,666 रुपये है. जी हां, आपने सही पढ़ा. महज 1,666 रुपये. इस तस्वीर में आप खुद को रख कर देखें. अगर आप किसान होते और...
More »