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डाकघर बैंकिंग की मुश्किलें-- सतीश सिंह

रिजर्व बैंक ने भारतीय डाक को भारतीय पोस्ट पेमेंट बैंक (आइपीपीबी) या भुगतान बैंक का लाइसेंस दे दिया है। केंद्र सरकार ने भी आइपीपीबी शुरू करने की मंजूरी दे दी है। वर्ष 2017 के मार्च में यह बैंक खुल जाएगा और सितंबर, 2017 से काम करना शुरू कर देगा। अभी आइपीपीबी को साढ़े छह सौ शाखाएं खोलने की इजाजत मिली है। इसके लिए साढ़े तीन हजार नए कर्मचारियों की भर्ती...

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सरकारी बैंकों का अंधेरा कुआं-- भरत झुनझुनवाला

वित्त मंत्री ने चिंता जतायी है कि सरकारी बैंकों द्वारा दिये गये लोन बड़ी मात्रा में खटाई में पड़ रहे हैं. इससे अर्थव्यवस्था पर संकट मंडराने लगा है. याद करें कि 2008 में अमेरिकी बैंकों पर संकट उत्पन्न हो गया था. उन्होंने बड़ी मात्रा में लेहमन ब्रदर्स जैसी कंपनियों को लोन दिये थे. लेहमन ब्रदर्स लोन को वापस नहीं दे पाया था. और अमेरिकी अर्थव्यवस्था चरमरा गयी थी. इसी प्रकार...

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सिमटते सहारे-- रवि राठौर

यों कमजोर और कम संख्या वाले समुदायों की सुविधा-असुविधा का खयाल रखने को समाज अपनी प्राथमिकता नहीं मानता, लेकिन हाशिये पर मौजूद लोग भी इसी समाज और व्यवस्था का हिस्सा होते हैं, जिनकी जरूरतें आधुनिकता की चकाचौंध में कई बार दरकिनार कर दी जाती हैं। मौजूदा दौर को मोबाइल क्रांति का युग माना जा रहा है और यह धारणा आम है कि एक गरीब व्यक्ति भी आज मोबाइल का उपयोग...

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गांवों की तसवीर बदलने की पहल- अंजनी कुमार सिंह

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के विकास के बाद केंद्र सरकार रोजगार बढ़ाने के लिए अब ग्रामीण परिवहन योजना के विस्तार की दिशा में काम कर रही है. इसका नाम प्रधानमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना है. योजना का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन सुविधा को बेहतर कर रोजगार के नये अवसर पैदा करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे में कृषि व ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता देना है. ...

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जॉब मार्केट का बदलता चेहरा-- संदीप मानुधने

हाल ही में, एक बड़ी रोचक घटना हुई. भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन संस्थान आइआइएम अहमदाबाद ने कड़ा ऐतराज जताते हुए फ्लिपकार्ट नामक एक बड़ी ऑनलाइन कॉमर्स कंपनी से अपने कैंपस से चयनित छात्रों को देरी से 'ज्वॉइनिंग' कराने पर तुरंत नौकरी पर रखने एवं बकाया वेतन देने की मांग कर डाली! देखने में यह एक संस्थान और एक निजी कंपनी के बीच का मामला लगता है, लेकिन गहराई से विश्लेषण...

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