-डाउन टू अर्थ, फसल कटाई के बाद किसान अपने अनाज को अलग-अलग तरीकों से मंडी या बाजार में बेच देते हैं, किसानों को अनाज का वह मूल्य नहीं मिल पाता है जिसके वे हकदार होते हैं। जबकि विभिन्न प्रसंस्करण, भंडारण, परिवहन, थोक बिक्री, खुदरा बिक्री, खाद्य सेवा और अन्य कार्य जो कृषि की पैदावार को खाद्य पदार्थों में बदलते हैं इसके बाद यह उपभोक्ताओं तक पहुंचता है, जो इसके लिए कहीं...
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ओडिशा के किसान चाहते हैं नारियल की मंडी और उससे जुड़े उद्योग
-गांव कनेक्शन, ओडिशा के पुरी जिले के किसान भक्त बंधु दास के पास नारियल के 500 से ज्यादा पेड़ हैं। उनकी तरह उनके गांव और जिले के ज्यादातर किसान नारियल के बाग ही लगाते हैं, यही उनका मुख्य पेशा है। नारियल मोटी खेती है, जिसमें नुकसान की आशंका न के बराबर होती है। किसानों का कहना अगर वहां नारियल की मंडी लगने लगे तो नारियल से जुड़े उद्योग लग जाएं तो...
More »वे दस गलत नीतियां जो मोदी सरकार के सात साल को परिभाषित करती हैं
-जनपथ, मोदी सरकार ने सात साल पूरे कर लिए हैं। किसी भी समाज, देश या व्यक्ति के मूल्यांकन के लिए सात वर्ष पर्याप्त होते हैं। सात साल में ऐसी दस महत्वपूर्ण गलतियाँ थीं, जो निस्संदेह मोदी सरकार को परिभाषित करेंगी। विमुद्रीकरण: यह किसी भी सूची में सबसे ऊपर होगा क्योंकि इसकी सफलता की कमी और व्यापक तबाही ने अर्थव्यवस्था पर इसका असर डाला। विदेशों में बिजनेस स्कूलों में अब एक चेतावनी के रूप...
More »1050 वर्ग फ़ीट में उगाते हैं मशरूम, हर महीने होती है 30 हज़ार की कमाई
-द बेटर इंडिया, पिछले साल देश में जब कोरोना महामारी के मामले बढ़ने लगे और लॉकडाउन की अटकलें लगने लगीं, तो दूसरे शहरों में नौकरी करनेवाले बहुत से लोग, नौकरियां छोड़कर अपने घर लौट आए। ऐसे लोगों में, झारखंड के जमशेदपुर निवासी राजेश कुमार भी शामिल थे। 41 वर्षीय एमबीए ग्रैजुएट राजेश, असम में एक कंपनी में काम कर रहे थे। लेकिन फरवरी 2020 में, बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए,...
More »पेटा विवाद निराधार : भारत में दूध उत्पादन और पशु कल्याण हैं एक दूसरे के पर्याय
-रूरल वॉइस, पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने सुझाव दिया है कि गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) यानी अमूल को प्लांट बेस्ड डेयरी (पौधों से तैयार होने वाला दूध) डेयरी चलानी चाहिए । पेटा के इस सुझाव के बाद पेटा और अमूल के बीच एक विवाद छिड़ गया। जाहिर सी बात है पेटा का जो सुझाव है उसका भारतीय संदर्भ में कोई अर्थ नहीं है और यह बेतुका...
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