जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंतित विश्व समुदाय पेरिस में इसका कुछ न कुछ हल ढूंढने में लगा है ताकि पृथ्वी को उसके दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से भारत भी अछूता नहीं है। कभी बेमौसम बारिश, सूखा, तूफान और कभी बाढ़ से देश को दो चार होना पड़ा है। फिलहाल मंगलवार देर रात से हुई बारिश से चेन्नई जलमग्न है। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सेना...
More »SEARCH RESULT
हिमालयी विकास का मॉडल- सुरेश भाई
हिमालय बचाओ! देश बचाओ! सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि यह हिमालय क्षेत्र में भावी विकास नीतियों को दिशाहीन होने से बचाने का भी रास्ता है। चिपको आंदोलन के दौरान पहाड़ की महिलाओं ने नारा दिया कि मिट्टी, पानी और बयार! जिंदा रहने के आधार! और ऊंचाई पर पेड़ रहेंगे! नदी ग्लेशियर टिके रहेंगे! ये तमाम नारे पहाड़ के लोगों ने दिए हैं। हिमालयी क्षेत्रों के लोगों, सामाजिक अभियानों तथा आक्रामक...
More »जलवायु संकट के सबक-- अरुण तिवारी
पिछले ग्यारह हजार तीन सौ सालों की तुलना में आज पृथ्वी सबसे गर्म है। उत्तरी ध्रुव के आर्कटिक सागर में इस बार 1970 के बाद सबसे कम बर्फ जमी है। उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव से बाहर दुनिया का सबसे बड़ा बर्फ भंडार, तिब्बत में ही है। इसी नाते तिब्बत को ‘दुनिया की छत' कहा जाता है। इस नाते आप तिब्बत को दुनिया का तीसरा ध्रुव भी कह सकते हैं। यह...
More »'अब किसान हजामत भी नहीं बनवाते !'-- अजय शर्मा
लातूर के सोनावटी गांव के हज्जाम चंद्रकांत बाबू परेशान हैं. अब उनकी दुक़ान पर उतने किसान हजामत बनवाने नहीं आते जितने दो साल पहले आते थे. चंद्रकांत का धंधा आधा रह गया है. मराठवाड़ा के इस गांव में इस साल बारिश सामान्य से आधी हुई है. सूखे के बावजूद इस साल लोगों ने गन्ना उगाने की कोशिश की ताकि वो पिछले साल के नुक़सान की भरपाई कर सकें, मगर हो गया उल्टा. बीबीसी...
More »तुम रिजेक्टेड हो, तुम किसान हो-- अजय शर्मा
वैसे भी तुम्हारी चीखें गांव के आसमान में खो जाने वाली हैं. हो सकता है कि लिखने से ये वहां तक पहुँच जाएं, जहां वो सुनने के बाद रिजेक्ट की जा सकें. मुझे याद है, बस यही ख्याल तब मेरे मन में थे. तेलंगाना में लिंगमपल्ली टांडा गांव के स्कूल में योगेंद्र यादव एक तरफ़ किसानों के दुख अपनी नोटबुक में दर्ज कर रहे थे. और उनसे कुछ दूर मैं इस बुज़ुर्ग...
More »