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गैस, राशनकार्ड में गोलमाल: गरीबों के हक पर मार रहे डाका

चंबा/शिमला. प्रदेश में राशनकार्ड और गैस कनेक्शन में भारी गोलमाल चल रहा है। करीब साढ़े डह लाख उपभोक्ता सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत फर्जीवाड़े से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं। इससे सरकार को हर माह लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश धवाला ने चंबा में एक औचक निरीक्षण के बाद प्रदेश में चल रही इस धांधली का खुलासा किया। धवाला ने बताया कि वर्तमान में...

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अप्रैल में स्मार्ट कार्ड से मिलेगी सामाजिक सुरक्षा पेंशन

शिमला. प्रदेश में पहली अप्रैल से 2,67,2८2 लोगों को बैंक के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलेगी। इसके लिए सभी पात्र लोगों को बायोमीट्रिक स्मार्ट कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। वर्तमान में यह सुविधा केवल ऊना जिले में उपलब्ध है, जहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के माध्यम से सामाजिक सुरक्षा पेंशन की अदायगी हो रही है। पीएनबी-यूको बैंक देंगे सेवा प्रदेश में अब तक ऊना जिले में एसबीआई के माध्यम से सामाजिक...

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शिकायत निवारण और लोकपाल- पाणिनी आनंद

जनसत्ता 19 दिसंबर, 2011: अण्णा समूह द्वारा प्रस्तावित जन लोकपाल कानून के प्रारूप को लेकर जो चिंताएं सबसे ज्यादा गंभीर हैं उनमें से एक है शिकायत निवारण की व्यवस्था को इसी एक कानून में अंतर्निहित करना। ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ (आईएसी) की ओर से शिकायत निवारण की व्यवस्था को लेकर एक बार फिर नया सुर सुनने को मिल रहा है कि इसे सिटिजन चार्टर यानी नागरिक संहिता के जरिए देखा जाए और इसे...

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ताकि पारदर्शी हो व्यवस्था - महेश राठी

देश में सूचना का अधिकार एक ऐसी क्रांति के रूप में आया है, जिसमें न हिंसा है, न ही किसी के अधिकारों का अतिक्रमण। व्यवस्था में पारदर्शिता और जनवादी मजबूती के लिए सिर्फ सवाल हैं और जानकारी की चाह है। यह क्रांति जिस गति से देश के हर हिस्से में दस्तक दे रही है, आरटीआई के अग्रणी कार्यकर्ताओं पर हमलों के रूप में इस जनवादी संकल्पना के लिए चुनौतियां भी उसी तेजी...

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भ्रष्टाचार के रास्ते- कुमार प्रशांत

जनसत्ता 13 दिसंबर, 2011:  जयप्रकाश नारायण ने 1974 में, जब वे कई सारे सवालों के साथ-साथ भ्रष्टाचार का भी सवाल उठा कर सारे देश में आंदोलन खड़ा करने में लगे थे, एक गहरा और मार्मिक लेख लिखा था। इसका शीर्षक था:‘क्या नैतिक ताने-बाने के बिना भी कोई देश बना रह सकता है?’ इसमें उन्होंने मुख्य रूप से दो बातें कही थीं। एक,भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे की तरफ चलता है। सत्ता-संपत्ति-अधिकार...

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