जनसत्ता 4 जनवरी, 2012: पिछले करीब पंद्रह दिनों में एक युवा विमर्श प्रकट हुआ है, जो कई वजहों से ऐतिहासिक है। उसके कारक, लक्ष्य और परिणाम नए हैं। वह प्रकटत: स्वत:स्फूर्त स्वभाव से असंगठित और अराजनीतिक प्रतीत होता है। वह ‘परदुख कातर’ है। पुलिस प्रशासन और सत्ता से अन्याय के बरक्स न्याय के सवाल कर रहा है। वह बर्बरता के विरोध में है। वह एक ऐसा नागरिक समाज चाहता है, जिसमें...
More »SEARCH RESULT
पदोन्नति में आरक्षण का प्रश्न-उदित राज
जनसत्ता 27 दिसंबर, 2012: पदोन्नति में आरक्षण का विवाद अभी थमा नहीं है और निकट भविष्य में थमने वाला भी नहीं है। पिछले अठारह दिसंबर को राज्यसभा ने पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए एक सौ सत्रहवां संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित कर दिया था। दूसरे दिन यानी उन्नीस दिसंबर को इसे लोकसभा को पारित करना था। समाजवादी पार्टी के विरोध के कारण कई बार लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।...
More »शैक्षणिक स्तर नहीं सुधरा तो जिम्मेदार शिक्षकों पर गिरेगी गाज
जोधपुर.पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों का शैक्षणिक स्तर सुधारने और उनकी कमियों को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग व सर्व शिक्षा अभियान द्वारा जिले की 520 सरकारी स्कूलों में किए गए आकस्मिक निरीक्षण के बाद भी बच्चों के पढ़ाई के स्तर में कोई सुधार नहीं आया है। अब तीसरे चरण...
More »दो और शिक्षाकर्मियों की मौत
रायपुर [ब्यूरो]। संविलियन और छठे वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे शिक्षाकर्मियों के दो और साथी हमेशा के लिए बिछुड़ गए। अंतागढ़ में एक शिक्षाकर्मी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली, जबकि रायपुर में एक महिला शिक्षाकर्मी की उपचार के दौरान मौत हो गई। संगठन के पदाधिकारियों ने इन मौतों की वजह मानसिक प्रताड़ना बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने आईजी...
More »इस असंतोष की जड़ें- पुण्य प्रसून वाजपेयी
जनसत्ता 8 नवंबर, 2012: बेचैनी हर किसी में है। आम आदमी की बेचैनी रोज-रोज की परेशानी से जूझते हुए पैदा हुई है। खास लोगों की बेचैनी सत्ता-सुख गंवाने के डर से उपजी है। विरोध में उठे हाथ गुस्से में हैं। गुस्सा जीने का हक मांग रहा है। सत्ता को यह बर्दाश्त नहीं है तो वह गुस्से में उठे हाथों को चिढ़ाने के लिए और ज्यादा गुस्सा दिलाने पर आमादा है। गुस्सा...
More »