देश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल लाख लोगों की मौत हो जाती है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि ‘गोल्डन अवर' (दुर्घटना के बाद के एक घंटे) में उन्हें चिकित्सकीय मदद नहीं मिल पाती, साथ में पेचीदा कानून की वजह से कोई उन्हें बचाने की पहल भी नहीं करता। ऐसे में उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए दिशा-निर्देश अच्छा कदम साबित हो सकते हैं। मारे देश...
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...जहां बीमारियों के साये में बीत रहा है बचपन
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 30 वर्ष पहले हुई दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी का असर अब भी बरकरार है। यूनियन कार्बाइड संयंत्र के आसपास की हर बस्ती इस बात की गवाही दे रही है कि यहां बचपन पर संकट बना हुआ है, यहां बीमारियां उनके जीवन को दीमक की तरह चट कर रही हैं। अब से 30 वर्ष पहले यूनियन कार्बाइड के संयंत्र से रिसी जहरीली गैस ने...
More »कितने जानवरों को टीके लगे, विभाग को पता नहीं
पटना: पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एएससीएडी या ऐसकैड (पशु में बीमारियों के नियंत्रण के लिए राज्यों को सहायता) प्रोग्राम के तहत बड़ी मुहिम चलाने की योजना है. इसमें पशु टीकाकरण के अलावा पशु अस्पतालों का निर्माण, कर्मचारियों का प्रशिक्षण समेत कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य कराने हैं. पशुओं को एचएसबीक्यू (लंगड़ी और गलाघोंटू), एफएमडी (खुरहा व मुंह पका) और पीपीआर (खासतौर से बकरियों में होनेवाली जानलेवा बीमारी) जैसे...
More »विदेशी फसल टाऊ को अपना लिया सरगुजिहा किसानों ने
अंबिकापुर(निप्र)। छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाले मैनपाट में विदेशी फसल टाऊ को अब न सिर्फ तिब्बती बल्कि स्थानीय किसानों ने अपना लिया है। स्थानीय किसानों ने इस बार लगभगर 10 हजार हेक्टेयर में टाऊ की फसल ली है। पूरा मैनपाट टाऊ की फसल से लहलहा उठा है। प्राकृतिक रूप से सुंदर मैनपाट में टाऊ के फूल सैलानियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। सैलानियों के लिए जरूर...
More »बिलासपुर घटना से मिले सबक - डा. मनोहर अगनानी
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी ऑपरेशन के दौरान लापरवाही के कारण एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं की मौत हो गई। खबरों के मुताबिक औजारों को ठीक से रोगाणुहीन नहीं किया गया था या दवाइयों में कुछ मिलावट के कारण महिलाओं को विषबाधा हुई। प्राथमिक जांच में दूसरा कारण सामने आ रहा है। इस घटना से परिवार नियोजन कार्यक्रम पर प्रश्न-चिह्न लग गया है, जो मीडिया के मुताबिक न तो पारदर्शी...
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