-द वायर, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने गुड़गांव में शुक्रवार को खुले स्थानों पर नमाज़ अदा करने पर कई दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा उठाई गईं आपत्तियों को लेकर एक सवाल के जवाब में गुड़गांव में संवाददाताओं से कहा, ‘यहां (गुड़गांव) खुले में नमाज़ पढ़ने की प्रथा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’ कोई दूसरा सभ्य समाज होता तो उसका मुख्यमंत्री यह कहता, ‘यहां नमाज़ को बाधित करने वाली गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’ गुड़गांव में पिछले कई...
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आत्महत्याओं पर एनसीआरबी डेटा को सावधानी के साथ समझना
पिछले वर्षों की तुलना में 2020 के दौरान भारत में आत्महत्याओं की कुल संख्या में वृद्धि हाल ही में सुर्खियों में रही है. जबकि कुछ मीडिया टिप्पणीकारों ने कहा है कि 2020 में आर्थिक संकट (नौकरी छूटने, आय में कमी, व्यवसाय में विफलता और बढ़ती भूख, अन्य कारणों के अलावा) के कारण अधिक आत्महत्याएं हो सकती हैं, अन्य ने कहा है कि घर में अलगाव और बिगड़ती मानसिक स्वास्थ्य स्थिति...
More »राजनीतिक और आर्थिक परिदृष्य पर किसान लॉबी की वापसी
-रूरल वॉइस, गुरू पर्व के मौके पर 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करने के साथ ही यह बात अब साफ हो गई है कि देश के राजनीतिक और आर्थिक परिदृष्य पर किसान लॉबी की वापसी हो गई है। आने वाले दिनों में राजनीति की दिशा के साथ ही आर्थिक नीतियों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। 1991 की आर्थिक उदारीकरण...
More »आंदोलन में 675 से अधिक किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा: संयुक्त किसान मोर्चा
- जनपथ, तीन किसान-विरोधी, लोक-विरोधी और कॉर्पोरेट-समर्थक काले कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के निर्णय के संबंध में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा आज सुबह की घोषणा का स्वागत योग्य है और भारत के किसानों की एकजुटता की पहली बड़ी जीत है। कानूनों को निरस्त करने के लिए मजबूर कर किसानों के संघर्ष ने देश में लोकतंत्र और भारत में संघीय राज्य व्यवस्था को बहाल किया है, हालांकि अब भी...
More »उत्तर प्रदेश की एनकाउंटर संस्कृति और न्यायेतर हत्याएं
-न्यूजलॉन्ड्री, न्याय की पूरी प्रक्रिया से गुजरे बिना, केवल पुलिस द्वारा होने वाले एनकाउंटर, गैर-न्यायिक या न्यायेतर हत्याएं कही जाती हैं. भारत में एनकाउंटर कोई हाल के वर्षों की घटनाएं नहीं हैं. पुलिस फायरिंग या अदालत ले जाते समय या किसी और परिस्थिति में पुलिस के हाथों ऐसी हत्याएं होती रही हैं. जिन्हें बाद में एनकाउंटर कहा गया. हालांकि पहले पुलिस फायरिंग से होने वाली ज्यादातर मौतें “अशांत” या संघर्षरत, मसलन...
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