-कारवां, कीर्ति किसान यूनियन (केकेयू) के एक प्रमुख किसान नेता निर्भय सिंह धूडिके ने 9 दिसंबर मुझसे कहा कि “हमने उनसे कहा कि अगर आप हमें मारते हैं, तो हम बहादुर कहलाएंगे और अगर लोग हमें पीटेंगे, तो हमें देशद्रोही करार दिया जाएगा.” धूडिके ने 3 दिसंबर से दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच कई मैराथन बैठकों में से एक में तीन केंद्रीय...
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त्योहारी सीजन के दौरान भी व्यक्तिगत ऋणों में दिखे गिरावट के रूझान
इस साल धनतेरस और दिवाली से ठीक पहले, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने मासिक बुलेटिन का नवंबर संस्करण जारी किया. नवीनतम आरबीआई मंथली बुलेटिन में बताया गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (यानी जुलाई-सितंबर, 2020) में जीडीपी में -8.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. यह गौरतलब है कि भारत की...
More »कोविड-19 किसानों की मुसीबत एवं सरकारी राहत
-वाटर पोर्टल, देशभर में कोविड-19 महामारी तेजी से फैल रही है । अब कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही हैं । इस संक्रमण का असर देश के किसानों और फसलों पर हो रहा हैं इस वक्त ज्यादतर हिस्सों में फसल पककर तैयार हो चुकी हैं और कटने को तैयार हैं । हालांकि, संक्रमण के डर और लॉकडाउन के चलते किसानों को अपनी फसल काटने में अनेक समस्याएं...
More »किसान आंदोलनः किसान संगठनों के भीतर क्या चल रहा है?
-बीबीसी, सरकार के साथ पाँच दिसंबर को हुई बैठक में यूनियन नेताओं ने हाथ में 'हां या ना' की तख़्ती लेकर स्पष्ट कर दिया कि वो तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने से कम किसी भी बात पर मानने वाले नहीं हैं. सरकार ने थोड़ा लचीलापन दिखाते हुए संशोधन की बात तो की है लेकिन क़ानून रद्द करने का कोई भरोसा नहीं दिया है. मंगलवार को किसान संगठन भारत बंद करके अपनी ताक़त...
More »स्मृति ईरानी के नक्शेकदम पर नहीं है कंगना रनौत बल्कि वो ‘दबंगई’ की राह पर चल रही हैं
-द प्रिंट, इसे कंगना रनौत के नाम खुली चिट्ठी मानें. आपको क्या हो गया है? आप एक शानदार अभिनेत्री से एक ट्विटर ‘ट्रोल’ बन गई हैं. आप बॉलीवुड के भाई-भतीजावाद की सड़ांध को उजागर करने वाली एक साहसिक महिला और एक उत्साही नारीवादी से बदलकर भयावह व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की चिल्लाने और अकड़ने वाली प्रवक्ता बन गई हैं. आप दुनिया के अपने कदमों में होने का दावा करती हैं. और आपका कहना है...
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