SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 447

सेज बनाम बनाम विस्थापन- तमिलनाडु में जन-सुनवाई

तमिलनाडु में १३९ सेज यानी विशेष आर्थिक क्षेत्र अपनी मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं और तमिलनाडु के कई संगठन इन विशेष आर्थिक क्षेत्रों की जरुरत और प्रभावकारिता की जांच के लिए एक जनसुनवाई का आयोजन कर रहे हैं।। जनसुनवाई २४ अक्तूबर से २६ अक्तूबर तक जाने माने अर्थशास्त्रियों, सामाजविज्ञानियों, पत्रकारों और नौकरशाहों की मौजूदगी में होगी। जन-सुनवाई में भागीदारी के लिए नागरिक संगठनों ने मीडियाकर्मियों को सहर्ष आमंत्रित किया...

More »

अब सुल्तानपुरी केले की मचेगी धूम

सुल्तानपुर। केले का नाम आते ही महाराष्ट्र के भुसावल जिले का नाम बरबस सामने आ जाता है। अब सुल्तानपुर इससे होड़ लेने की तैयारी कर रहा है। इस जिले को केला उत्पादक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाना है। कृषि विविधिकरण व उद्यानीकरण योजना के तहत करीब 225 एकड़ जमीन में केले के पौधरोपण को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस योजना से तकरीबन 400 किसान लाभान्वित होंगे।...

More »

विदर्भ- राहत पैकेज के चार साल बनाम ४८ घंटे में पांच आत्महत्याएं

अगस्त महीने के आखिरी दो दिनों के अंदर महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में पांच किसानों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या करने वाले किसानों उन्हीं जिलों के हैं जिनके लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की गई थी। विदर्भ जनआंदोलन सिमिति द्वारा जारी एक प्रेस नोट के अनुसार विदर्भ में अगस्त महीने के आखिरी ४८ घंटों में  सूखे की स्थिति में फसल के मारे जाने से परेशान पांच किसानों ने आत्महत्या...

More »

एक चिठ्ठी बस्तर की व्यथा की......

छत्तीसगढ़  के तृणमूल स्तर के कई कार्यकर्ताओ ने देश के जनपक्षी धड़ों के लिए एक टिप्पणी जारी की है। इस टिप्पणी में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और आदिवासियों के बीच जारी संघर्ष को विराम देने की अपील की गई है।छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से संबद्ध सुधा भारद्वाज का तर्क है कि विद्रोह को दबाने के नाम पर छत्तीसगढ़ में नरसंहार की आशंका बलवती हो गई है और इसे रोकने के लिए...

More »

पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट

खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close