SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 455

चावल की कई किस्में गायब

रायपुर. बारिश की कमी के कारण राज्य के ज्यादतर किसान पिछले कुछ सालों से लंबी अवधि के धान नहीं लगा रहे। इसके कारण ‘धान का कटोरा’ कहलाने वाले छत्तीसगढ़ में स्थानीय विशेषता वाली चावल की किस्में धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही हैं। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन का असर इंसान और पशु-पक्षियों के अलावा फसलों पर भी नजर आने लगा है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण राज्य के...

More »

पालिथीन के व्यवहार से बढ़ रहा प्रदूषण

जामताड़ा, नाला, संसू। सरकारी उदासीनता के कारण नाला बाजार सहित समीप के गांवों में धड़ल्ले से पालीथिन व्यवहार करने के कारण प्रदूषण संकट उत्पन्न होने लगा है। लोगों का कहना है कि जिस रफ्तार से पालिथीन का व्यवहार किया जा रहा है और उसके बाद सड़क किनारे यत्र-तत्र फेंका जा रहा है उससे प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है तथा कृषि योग्य जमीन भी बंजर होने के कगार पर आ...

More »

का बरसा जब कृषि सुखाने...

कहावत है कि का बरसा जब कृषि सुखाने और इस कहावत से सीख लेते हुए मानसून की पिछात बारिश में  मारे खुशी के फूलकर कुप्पा होने से पहले यह सोचना जरुरी है कि आखिर नुकसान कितना हो चुका है। नुकसान हुआ है और भरपूर हुआ है। देश के खेतिहर इलाके के ६० फीसदी हिस्से पर, खासकर उत्तर-पश्चिमी हिस्से में, इस बार रबी की फसल नहीं काटी जा सकेगी और ये...

More »

विदर्भ- राहत पैकेज के चार साल बनाम ४८ घंटे में पांच आत्महत्याएं

अगस्त महीने के आखिरी दो दिनों के अंदर महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में पांच किसानों ने आत्महत्या की है। आत्महत्या करने वाले किसानों उन्हीं जिलों के हैं जिनके लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की गई थी। विदर्भ जनआंदोलन सिमिति द्वारा जारी एक प्रेस नोट के अनुसार विदर्भ में अगस्त महीने के आखिरी ४८ घंटों में  सूखे की स्थिति में फसल के मारे जाने से परेशान पांच किसानों ने आत्महत्या...

More »

पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट

खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close