-कारवां, 1. शादाब आलम के लिए 24 फरवरी 2020 का दिन रोजमर्रे की तरह ही शुरू हुआ था. वह उत्तर दिल्ली के पुराने मुस्तफाबाद के अपने घर में, जहां वह पांच साल से भी ज्यादा वक्त से रह रहे थे, तड़के ही जग गए थे. तैयार होकर सुबह के 10 बजे वह स्मार्ट मेडिकल स्टोर के लिए रवाना हुए. वजीराबाद रोड पर वृजपुरी चौक के पास की इस दुकान में वह कई...
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सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को असंवैधानिक बताने वाली याचिकाओं पर मोदी सरकार से मांगा जवाब
-द प्रिंट, हाल में बनाए गए तीन विवादित कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर उसकी प्रतिक्रिया मांगी है. प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से चार हफ्तों के अंदर नोटिस पर जवाब मांगा है. तीन कानून- कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम -2020, कृषक उत्पाद व्यापार...
More »बाबरी मस्जिद विध्वंस: सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई अदालत की राय बिल्कुल अलग कैसे हो गई?
-बीबीसी, भारतीय सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों वाली संवैधानिक खंडपीठ ने नवम्बर माह में अपने फ़ैसले में साफ़ तौर पर कहा था कि बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक "ग़ैर क़ानूनी" कृत्य था. सुप्रीम कोर्ट खंडपीठ का नेतृत्व ख़ुद तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश कर रहे थे. लेकिन क्या कारण रहा कि सीबीआई की विशेष अदालत को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अभियुक्त बनाए गए लोगों क ख़िलाफ़ साक्ष्य नहीं नज़र आए और सभी...
More »संविधान और बराबरी की बात करने वाले उमर खालिद से क्यों डरती है सरकार
-कारवां, 13 सितंबर की आधी रात को खबर मिली कि उमर खालिद को लोधी कॉलोनी स्थित दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के कार्यालय में कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से झारखंड के आदिवासी इतिहास में पीएचडी करने वाले उमर को एक साजिश में तथाकथित भूमिका के लिए हिरासत में लिया गया था. दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि फरवरी के अंतिम...
More »देश के न्यायिक इतिहास में राम जेठमलानी को कैसे याद किया जाएगा?
-सत्याग्रह, बात 2009 की है. मोहम्मद अली जिन्ना पर लिखी गई एक किताब का विमोचन होना था. यह किताब भाजपा नेता जसवंत सिंह ने लिखी थी. देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां इस समारोह में उपस्थित थीं. प्रसिद्ध वकील राम जेठमलानी भी इनमें से एक थे. उन्होंने इस समारोह में कहा, ‘भारत-पाकिस्तान विभाजन का मुख्य कारण मोहम्मद अली जिन्ना नहीं बल्कि हरिचन्द्र नाम का एक कंजूस हिन्दू था.’ जेठमलानी के इस बयान...
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