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सरकार ने करोड़ों ख़र्च किए, लेकिन पंजाब में पराली जलाने का व्यावहारिक विकल्प खोजने में विफल रही

-द वायर, पराली जलाने की समस्या का समाधान करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले चार सालों में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर, पंजाब और हरियाणा की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी रही है. इस राशि में से 1,050.68 करोड़ रुपये पंजाब को दिए गए थे, लेकिन यहां अभी भी भारी तादाद में खेतों में पराली जलाए जा रहे हैं. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी)...

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स्मॉग एपिसोड 2021 : दिल्ली में मामूली सुधार, यूपी के शहsर की हवा अब भी गंभीर

-डाउन टू अर्थ, पटाखों के प्रदूषण का संकट एनसीआर में अब तक बरकरार है। वहीं, इस बीच पंजाब-हरियाणा में इस बार देरी से की जा रही धान की कटाई के बाद सघन तरीके से पराली जलाने का काम जारी है। 3 नवंबर, 2021 को दिल्ली की हवा में पराली प्रदूषण जहां 10 फीसदी था वहीं, 7 नवंबर तक यह 46 फीसदी पहुंच गया।  पराली संकट को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल...

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क्या है WHO के नए एअर क्वॉलिटी गाइडलाइंस में, भारत के लिए इसके क्या मायने हैं

-द प्रिंट, 15 वर्षों के अंतराल के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों (ग्लोबल एअर क्वॉलिटी गाइडलाइंस) का एक नया और अद्यतन संस्करण जारी किया, जो पूरे विश्व से इकट्ठा किए गये नवीनतम वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर इस दुनिया की समूची आबादी के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु अनुशंसित वायु गुणवत्ता स्तरों की रूपरेखा तय करता है. इस बारे में डब्ल्यूएचओ द्वारा 2005 में दिए गये आखिरी अपडेट के...

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वायु प्रदूषण को रोकने के लिए 34 फीसदी देशों में नहीं हैं जरूरी कानून

-डाउन टू अर्थ, दुनिया के करीब एक-तिहाई देशों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जरूरी कानून नहीं हैं। वहीं जिन देशों में इस तरह के कानून मौजूद भी हैं, वहां इनमें और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी मानकों में काफी अंतर है। यह कानून काफी हद तक डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी गाइडलाइन्स से मेल नहीं खाते हैं। वहीं करीब 31 फीसदी देश ऐसे हैं जिनके पास इन वायु गुणवत्ता मानकों...

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ज्यादातर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छिपाते हैं जरूरी जानकारियां, नहीं बरतते पारदर्शिता

-न्यूजलॉन्ड्री, प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्यों में बनाये गये प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आंकड़ों और जानकारियां साझा करने में जितना पारदर्शी होना चाहिए, उतना पारदर्शी नहीं हैं. ज्यादातर बोर्ड जरूरी जानकारियां छिपाते हैं. हैरानी की बात ये है कि अधिकतर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मौजूदा प्रदूषण स्तर के आंकड़ों को लेकर भी अपेक्षित पारदर्शी नहीं हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने कई मानकों पर देश के 29 राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड...

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