भोपाल. अगर तुरंत इंतजाम नहीं किए गए तो प्रदेश में करीब 317 करोड़ का ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं खराब हो जाएगा। बता दें कि इस साल प्रदेश में समर्थन मूल्य (1270 रुपए) पर 49 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। इसमें से करीब ढाई लाख मीट्रिक टन गेहूं खुले में पड़ा है और मानसून पूर्व की झमाझम ने इसे बर्बादी की कगार पर ला दिया है। बीते...
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हजारे पक्ष ‘अप्रासंगिक मुद्दे’ उठा रहा हैः सरकार
नयी दिल्लीः लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार कर रही संयुक्त समिति में शामिल समाज के सदस्यों द्वारा इसकी आज की बैठक का बहिष्कार करने की कडी आलोचना करते हुए सरकार ने कहा है कि अन्ना हजारे के समर्थक मुद्दे से ‘बाहरी विषय’ उठा रहे हैं. उसने कहा कि वह हजारे पक्ष के बिना भी 30 जून तक मसौदा तैयार कर लेगी. समाज के सदस्यों के बहिष्कार के बीच आज हुई समिति की...
More »गेहूं भंडारण का प्रबंधन फिफ्टी-फिफ्टी - अश्विनी शर्मा, करनाल
धरती को मेहनत से सींचकर एक-एक दाना उगाने वाले किसान बरसात में गेहूं को भीगते हुए देखकर रुआसा हो जाते हैं। उचित भडारण न होने से जुंडला में हजारों क्विंटल गेहूं बरसात में भीग गया, तो इंद्री में हजारों क्विंटल गेहूं में सुरसुरी लग गई। राहत की बात यह है कि असंध, घरौंडा, करनाल, नीलोखेड़ी आदि छोटी मंडियों से खरीदे गए गेहूं का उचित भंडारण होने से बरसात की मार...
More »अब महिलाएं होंगी घर की मुखिया! -- यूपीए के खाद्य सुरक्षा बिल में प्रावधान
यूपीए सरकार के प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल में पुरुषों के बजाये महिलाओं को घर के मुखिया का दरजा मिल सकता है. सरकार रियायती दर पर अनाज देने के लिए महिलाओं को घर का मुखिया मानते हुए उनका चयन करेगी. सरकार की इस कल्याणकारी योजना में यह अनोखा प्रस्ताव बाद में जोड़ा गया है. खाद्य सुरक्षा बिल के प्रस्ताव पर पूर्व में हुई चरचाओं में इस तरह की कोई प्रावधान नहीं...
More »खराब होने की कगार पर 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं : भीमसिंह मीणा
भोपाल मप्र सरकार द्वारा खरीदे गए ४१ लाख मीट्रिक टन गेहूं में से २३ लाख मीट्रिक टन खराब होने की कगार पर है। इसके लिए राज्य शासन की भंडारण व्यवस्था तो जिम्मेदार है ही, लेकिन इससे भी ज्यादा केंद्र सरकार दोषी है, जिसने अब तक अपने हिस्से का २३ लाख मीट्रिक टन गेहूं उठाने के लिए कोई पहल नहीं की है। जबकि अब मानसून आने में बमुश्किल २क् दिन बचे...
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