दो मुहिम। मकसद एक। जनमानस को उद्वेलित करने वाला पहला आंदोलन गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ चला। शांति और सादगी से ओतप्रोत इस आंदोलन में भ्रष्टाचार के खिलाफ मौन जनाक्रोश हर जगह दिखा। शासन को भी इस गंभीरता का शीघ्र ही अहसास हो चला। परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जरूरी तरकीबों को ढूंढने का चरणबद्ध सिलसिला शुरू हुआ। भ्रष्टाचार के खिलाफ ही दूसरे आंदोलन का...
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पूंजी खेल की हकीकत- हरिवंश
चलते-चलते एक लेख में इस पुस्तक की चरचा की थी. आज के माहौल में इसे हर भारतीय को पढ़ना चाहिए. वह सच, जानने के लिए, जो लोगों से छुपाया जाता है. वह पद्धति-प्रक्रिया समझने के लिए, जिसके तहत भारत से पैसे-पूंजी बेधड़क स्विस या विदेशी बैंकों या टैक्स हेवेन (कर चोरी के लिए स्वर्ग या नितांत सुरक्षित) में जा रहे हैं. इसमें कौन लोग हैं? मीडिया का असली चेहरा भी...
More »अकाल, भुखमरी इस देश में कई समुदायों की जीवनसाथी है- विनायक सेन से आशीष कुमार अंशु की बातचीत
विनायक सेन को लेकर मीडिया और समाज में दो तरह की छवि है। एक विनायक सेन, जिन्हें हमेशा देश के दुश्मन के तौर पर पेश किया जाता है, दूसरे विनायक सेन वे जो आदिवासियों के शुभचिंतक हैं और गरीब समाज के मसीहा हैं। दोनों विचार अतिवादी हैं। इस तरह एक आम भारतीय असमंजस की स्थिति में है कि वह इन दोनों में से किसे सच माने और किसे झूठ! यदि हम मीडिया की नजर...
More »'...पर क्या आजाद भारत किसी लिहाज से संपूर्ण है?'- अरूंधति राय से शोमा चौधरी की बातचीत
अरुंधती रॉय से जुड़े हालिया और कई पुराने विवादों पर शोमा चौधरी(तहलका) की उनसे बातचीत आपने दिल्ली और कश्मीर में जो बयान दिए उनके आधार पर सरकार आपके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलाने पर विचार कर रही है. राजद्रोह आपकी नजर में क्या है? क्या आप खुद को राष्ट्रद्रोही मानती हैं? दिल्ली और श्रीनगर में ऐसे मंच से बयान देने के पीछे आपकी मंशा क्या थी जिसका शीर्षक था - आजादी:...
More »आपराधिक उद्यम जैसा सत्ता का स्वरूप- अजय सिंह
राहुल गांधी के भट्टा, परसौल जाने के बाद पहली बार ग्रामीण भय के वातावरण से बाहर आये. पुलिस से भयाक्रांत महिलाएं व बच्चे पहली बार खुल कर बोले. शायद राहुल गांधी का राजसत्ता की बर्बरता से यह पहला सामना था. भट्टा, परसौल नामक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो गांव राजनेताओं के लिए तीर्थ बन गये हैं. गौतम बुद्ध नगर के ये दो गांव पुलिस और ग्रामीणों के खूनी संघर्ष की रणभूमि...
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