'नहाय-खाय' के साथ रविवार से छठ का पर्व शुरू हो चुका है. छठ की परंपरा के अनुसार 'नहाय-खाय' के दिन से ही व्रत करने वाले चार दिनों का अनुष्ठान शुरू करते हैं. व्रत करने वाले इस दिन जहां संभव होता है गंगा या किसी नदी के जल से या फिर जहां इंतजाम होता है वहां कुंआ अथवा पोखरे के जल से नहाने के बाद लौकी (कद्दु)-चने की दाल की सब्जी और...
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श्रमिकों की गरिमा व बिहार की अस्मिता-- मिहिर भोले
बिहार छोड़े मुझे पच्चीस वर्ष हो गये. तब से गुजरात में ही रहता हूं. फिर भी विभिन्न कारणों से लगातार बिहार आता-जाता रहता हूं. इस दौरान लोग-बाग अक्सर मुझसे गुजरात के बारे में प्रश्न किया करते हैं और मैं आदतन पूरी सच्चाई और निष्पक्षता से उसकी खूबियों और कमजोरियों की चर्चा करता हूं. चूंकि मैं राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं. मैं एक शिक्षक हूं, मेरी वैचारिक प्रतिबद्धता सिर्फ मेरे अपने अनुभव...
More »उत्तर भारतीयों का भी है भारत -- आर के सिन्हा
गुजरात में पिछली 28 सितंबर को अहमदाबाद से सौ किमी दूर बनासकांठा के हिम्मतनगर शहर के पास एक दुधमुंही बच्ची के साथ बलात्कार की घटना के बाद वहां के बहुत से हिस्से में बिहारी और उत्तर प्रदेश के मजदूरों के साथ योजनाबद्ध तरीके से मारपीट होती रही. मारपीट से डरे-सहमे अपनी जान बचाने के लिए अब तक पचास हजार से ज्यादा उत्तर भारतीय श्रमिक अपने घरों को लौट गये हैं....
More »किसान आंदोलन का नया स्वरूप- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
किसानों के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि खेती किसानी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. यह तो तय है कि जैसे-जैसे उत्पादन में उद्योग धंधे और पूंजी का महत्व बढ़ता जायेगा, वैसे-वैसे किसानों की हालत बिगड़ती जायेगी. दुनियाभर के पूंजीवादी देशों को देखकर लगता है कि बिना सरकारी सहायता के किसानों की हालत अच्छी नहीं हो सकती है. भारत में पूंजीवाद के बढ़ते कदम...
More »भूख से मौत और उसके बाद-- ज्यां द्रेज
सिमडेगा जिले की संतोषी कुमारी की भूख से मौत के बाद आज बारह महीने बीत चुके हैं. इन बारह महीनों में झारखंड में भूख से मौतों की कम-से-कम पंद्रह और खबरें आयीं हैं. शायद किसी राजनीतिक दल या अतिसक्रिय पत्रकार की कृपा से इन पंद्रह घटनाओं में से एक या दो अतिरंजित हुई होंगी, लेकिन इनमें अधिकतर ऐसी घटनाएं हैं, जिनकी जांच ध्यान से की गयी है और उन्हें सही...
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