राजनीतिक चंदे की लेनदेन में काम आने वाले बैंकिंग चैनलों, खातों और मुद्रक को मिलाकर समूचे इनफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव और सुरक्षा पर गोपनीय अरबपति या प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल एक पैसा अपनी ओर से खर्च नहीं करते. इसके बजाय यह लागत भारत सरकार के एक खाते कंसोलिडेटेड फंड आँफ इंडिया से वसूली जाती है जिसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से आने वाला राजस्व जमा होता है. इसके ठीक उलट आम भारतीय...
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इलेक्टोरल बॉन्ड: वित्त विधेयक बनाकर इसे राज्यसभा की निगहबानी से कैसे बचाया अरुण जेटली ने
कानून मंत्रालय ने मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में विवादास्पद इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित लिये गये फैसले और इलेक्टोरल फंडिंग से जुड़े अन्य कानूनों में संसदीय प्रक्रिया के तहत किये गये बदलावों को आधिकारिक रूप से सहमति दी थी. मंत्रालय की तरफ़ से यह सब गड़बड़ियां की गई. हमें मिले दस्तावेज़ों में इस बात के पूरे साक्ष्य हैं कि मोदी सरकार द्वारा इस पर राज्यसभा को बाइपास करना असंवैधानिक, गैरकानूनी था. इसमें...
More »राजनीतिक दलों की बढ़ती वित्तीय आय में अपारदर्शी चुनावी चंदा
साल 2019 बीतते-बीतते प्रमुख राजनीतिक दलों की वित्तीय आय और इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनाव में चंदे की नई व्यवस्था से जुड़ी कई खबरें और चर्चाएं सुनने को मिलीं. लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने और पत्रकारों ने आरटीआइ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनावी चंदा लेने के इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे अपारदर्शी तंत्र पर सवालिया निशान खड़े किए. इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाने की मांग...
More »आरटीआई से खुलासा, दिल्ली में भुनाए गए करीब 80 फीसदी चुनावी बॉन्ड
इंदौर: सूचना के अधिकार (आरटीआई) से खुलासा हुआ है कि सियासी दलों को चंदा देने के लिए मार्च 2018 से मई 2019 के बीच कुल 5,851.41 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड (इलेक्टोरल बॉन्ड) खरीदे गए. गौर करने वाली बात यह है कि इनमें से 80.6 प्रतिशत बॉन्ड सिर्फ नई दिल्ली में भुनाए गए जहां प्रमुख सियासी दलों के राष्ट्रीय मुख्यालय स्थित हैं. मध्यप्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने दो...
More »99.8 फीसदी चुनावी बॉन्ड 10 लाख और एक करोड़ रुपये के ख़रीदे गए: आरटीआई
नई दिल्ली: सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जरिए खुलासा हुआ है कि मार्च 2018 से 24 जनवरी 2019 के बीच खरीदे गए कुल इलेक्टोरल बॉन्ड में से 99.8 फीसदी इलेक्टोरल बॉन्ड 10 लाख और एक करोड़ रुपये के थे. सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर किए गए आरटीआई से पता चला है कि इस बीच कुल 1,407.09 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे गए थे जिसमें से 1,403.90 करोड़ रुपये के...
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