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पारिवार‍िक हस्‍तक्षेप से कम हो सकता है हृदय रोग का खतरा

-इंडिया स्पेंड, जिन परिवारों में कई पीढ़ियों से हृदय संबंधी बीमारियां रही हों, उनमें पूरे परिवार को हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने वाला एक कार्यक्रम, कम उम्र में होने वाली कोरोनरी हार्ट डिजीज (रुकी हुई धमनियों से जुड़ी बीमारी) के खतरे को कम कर सकता है। केरल में 750 परिवारों पर की गई स्टडी से यह बात पता चली है। अक्टूबर, 2021 में 'द लैंसेट' में प्रकाशित इस स्टडी की मानें, तो...

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क्या है WHO के नए एअर क्वॉलिटी गाइडलाइंस में, भारत के लिए इसके क्या मायने हैं

-द प्रिंट, 15 वर्षों के अंतराल के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों (ग्लोबल एअर क्वॉलिटी गाइडलाइंस) का एक नया और अद्यतन संस्करण जारी किया, जो पूरे विश्व से इकट्ठा किए गये नवीनतम वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर इस दुनिया की समूची आबादी के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु अनुशंसित वायु गुणवत्ता स्तरों की रूपरेखा तय करता है. इस बारे में डब्ल्यूएचओ द्वारा 2005 में दिए गये आखिरी अपडेट के...

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शाकाहारवाद महज़ आहार का मामला नहीं है…

-द वायर, ‘भविष्य की खोज’ – यही शीर्षक था उस दार्शनिक व्याख्यान का, जिसे जाने-माने ब्रिटिश लेखक जनाब एचजी वेल्स ने लंदन के रॉयल इंस्टिट्यूशन के सामने दिया था. (1902) आज के वक्त़ भले ही दुनिया उन्हें ज्यूल वर्न्स के साथ साइंस फिक्शन के जन्मदाता को तौर पर अधिक जानती हो, लेकिन अपने जमाने में वह प्रगतिशील सामाजिक आलोचक के तौर पर मशहूर थे और उन्होंने कई विधाओं में लेखन किया...

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टीबी ने बढ़ाया आदिवासियों में कोरोना का खतरा, राष्ट्रीय औसत से भी अधिक आंकड़ा

-जनपथ, भारत में लगभग 12 करोड़ लोग विभिन्न आदिवासी समूहों से हैं। इनमें से अधिकांश को कोई न कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हैं। भारत में मलेरिया के कुल प्रकरणों में लगभग एक-तिहाई आदिवासी बहुल इलाकों में से आते हैं। वर्ष 2018 में स्वास्थ्य एवं आदिवासी मामलों के मंत्रालयों द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने आदिवासी स्वास्थ्य को लेकर सौंपी गई रिपोर्ट में कहा था कि बड़ी संख्या में आदिवासी कुपोषण से...

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SOFI 2020 रिपोर्ट: अन्य दक्षिण एशियाई देशों के मुकाबले भारत की खाद्य और पोषण सुरक्षा कमजोर

30 अगस्त, 2020 को दिए गए अपने मन की बात भाषण में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सितंबर 2020 का महीना पूरे राष्ट्र में पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा. अपनी मन की बात में राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि बच्चों के पोषण के लिए माँ को उचित और पर्याप्त पोषण मिलना चाहिए. इस संदर्भ में, खाद्य और पोषण...

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