-सत्यहिंदी, पिछले साल असम के डिटेंशन कैंप उस समय चर्चा में आए थे जब 23 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि भारत में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है। उन्होंने इसे अफ़वाह बताया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ‘सिर्फ कांग्रेस और अर्बन नक्सलियों द्वारा उड़ाई गई डिटेन्शन सेन्टर वाली अफ़वाहें सरासर झूठ है, बद-इरादे वाली है, देश को तबाह करने के नापाक इरादों...
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आमजन सिर्फ भीड़ न बने-- विजय कुमार चौधरी
पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय द्वारा ‘मॉब लिंचिंग' (भीड़-हिंसा) का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए इसे रोकने हेतु सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं. न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि केंद्र सरकार को इसके लिए अलग से कानून बनाना चाहिए और राज्य सरकारों को भी इसे नियंत्रित करने के उपाय करने चाहिए, क्योंकि विधि-व्यवस्था की मौलिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है. भीड़-हिंसा धीरे-धीरे खतरनाक रूप ले चुकी है और समय...
More »क्या न्यायपालिका ही अंतिम आसरा है-- शशिशेखर
गुजरे हफ्ते जब सुप्रीम कोर्ट हुक्मरानों को लताड़ रहा था- आप भीड़ को इंसाफ करने का हक नहीं दे सकते, भीड़ की हिंसा रोकने के लिए कानून बनाइए और ऐसे मामलों से सख्ती से निपटिए, तो माननीय न्यायमूर्तिगण को मालूम न था कि सैकड़ों किलोमीटर दूर एक गुमनाम से शहर पाकुड़ में दूसरी पटकथा रची जा रही है। कुछ घंटे बाद हमने टीवी के परदे पर 78 साल के...
More »हमारे लोकतंत्र का शीत सत्र-- मोहन गुरुस्वामी
संसद का अत्यंत विलंबित शीत सत्र शुरू हो चुका है. इसमें मची चीख-पुकार के सिवाय, मेरी समझ से यह समाप्तप्राय है. ऐसे बहुत-से मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा होनी ही चाहिए थी, मगर वह नहीं होगी जैसे, राफेल, प्रस्तावित वित्तीय संकल्प और जमा बीमा (एफआरडीआई) बिल, जीएसटी का क्रियान्वयन, नोटबंदी की सामाजिक एवं आर्थिक कीमतें, ग्रामीण संकट, आदिवासी अशांति, नेपाल की घटनाएं, मालदीव के साथ चीन का मुक्त व्यापार करार....
More »देश के 20 राज्यों के मनरेगा मजदूरों को नहीं मिल पा रही मजदूरी-- नरेगा संघर्ष मोर्चा
क्या आप दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ रही एक ऐसी अर्थव्यवस्था की कल्पना कर सकते हैं जहां कुल श्रमशक्ति के लगभग 20 फीसद हिस्से को महीनों से अपने काम की मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया हो ? अगर आपको यह सवाल अजीब लग रहा है तो दुनिया में रोजगार गारंटी की सबसे बड़ी योजना के रुप में मशहूर मनरेगा के मजदूरों की हालिया दशा के बारे में सोचिए. नरेगा...
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