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कोविड-19 से मौतों के आंकड़े सही नहीं, तकनीकी आधार पर मुआवज़ा ख़ारिज न करें: सुप्रीम कोर्ट

-द वायर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्यों द्वारा जारी किए गए कोविड-19 से हुईं मौतों संबंधी आधिकारिक आंकड़े ‘सच नहीं’ थे और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे उन मृतकों के परिजनों को मुआवजा प्रदान करें, जिन्होंने मुआवजे के लिए आवेदन दिया है और तकनीकी आधार पर उनके दावों को खारिज न करें. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना...

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IFPRI रिपोर्ट: सरकार को महामारी के दौरान पोषण सहायता, शिक्षा और नौकरियों के मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए!

अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 मार्च, 2020 को किए गए देशव्यापी लॉकडाउन, जिसे लगभग दो महीने के लिए चरणों में बढ़ाया गया था, ने भारतीय आबादी के कमजोर वर्गों के भोजन और पोषण की स्थिति को प्रभावित किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मिड-डे मील योजना जैसे कार्यक्रम से देश के प्राथमिक-विद्यालय आयु वर्ग के 80 प्रतिशत...

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आरटीआई की अर्जियों को खारिज करने में अव्वल हैं सरकारी बैंक- सीएचआरआई की रिपोर्ट

एक नई रिपोर्ट का आकलन है कि रिजर्व बैंक समेत सरकारी क्षेत्र के अन्य बैंकों में आरटीआई की अर्जियों को ज्यादा तादाद में खारिज किया जा रहा है और ये बैंक मांगी गई जानकारियों का जवाब देने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं. दिल्ली स्थित मानवाधिकार संस्था कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइटस् इनिशिएटिव(सीएचआरआई) के एक शोध-अध्ययन के मुताबिक साल 2016-17 में सरकारी क्षेत्र के 25 बैंकों को सूचना के अधिकार के तहत लगभग 73 हजार नई अर्जियां...

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कानून नहीं जानता फेक न्यूज क्या है--- पवन दुग्गल

फर्जी खबरें यानी फेक न्यूज अब हर तरफ दिखने लगी हैं। फर्जी खबर वह सूचना है, जो तथ्यात्मक रूप से गलत होती है, पर उसका प्रसार इतनी कुशलता से किया जाता है कि वह बखूबी लक्षित समूह को गलत सूचना देने और उसकी धारणा व सोच को प्रभावित करने में सफल होती है। आज हम एक ऐसा देश हैं, जहां इंटरनेट का उपयोग करने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी...

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अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)

उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...

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