SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 68

खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

More »

पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना फसलों में रोग नियंत्रण कर सकते हैं मिट्टी के सूक्ष्मजीव

-डाउन टू अर्थ, कृषि-तकनीक में नई खोज किसानों को फसलों पर लगने वाले रोगों को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह तकनीक वर्तमान में उपयोग होने वाले रासायनिक उपचारों में लगने वाली लागत और पर्यावरणीय क्षति को कम करने का एक अहम तरीका है। जॉन इन्स सेंटर की टीम ने एक व्यावसायिक आलू के खेत की मिट्टी से स्यूडोमोनास बैक्टीरिया के सैकड़ों वेरिएंटों को अलग किया और उनका परीक्षण किया। फिर...

More »

आधिकारिक डेटा 2020 राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान शहरी क्षेत्रों में आजीविका संकट के गहराने की पुष्टि करता है!

हाल ही में जारी किया गया त्रैमासिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) डेटा मोटे तौर पर देशव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान रोजगार और नौकरियों में गिरावट की पुष्टि करता है, हालांकि विभिन्न सर्वेक्षण-आधारित अध्ययन और शोध पत्र इस बात की ओर इशारा करते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन के बाद के महीनों में कुछ हद तक सुधार हुआ है. पीएलएफएस पर त्रैमासिक बुलेटिन केवल वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) संदर्भ में...

More »

शेयर बाजार एक आईना है- 40 सालों में कितना बदला भारतीय बिजनेस और इसमें क्या कमी है

-द प्रिंट, चालीस साल पहले सबसे बड़े 30 व्यावसायिक ‘घरानों’ की जो कंपनियां शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध थीं उनका कुल मूल्य 6,200 करोड़ रुपये था. उस समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) इससे 28 गुना बड़ा (1.75 लाख करोड़ रु. के बराबर) था. ज़्यादातर कंपनियां जूट, चाय, सीमेंट, चीनी, इस्पात के उत्पाद और कपड़े जैसे ‘प्राथमिक’ उत्पादों का उत्पादन करती थीं. उसके बाद से नाटकीय बदलाव हुए हैं. आज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज...

More »

कैसे कोरोना वायरस ने यूरोपीय देशों को भी राष्ट्रवाद का झंडा पकड़ा दिया है

-सत्याग्रह, यूरोपीय संघ का विशेष कोरोना शिखर सम्मेलन इसके ब्रसेल्स स्थित मुख्यालय में शुक्रवार 17 जुलाई को शुरू हुआ था. अगले ही दिन उसे समाप्त हो जाना था. पर चला दो के बदले पांच दिन. पूरे 90 घंटे. संघ के 27 सदस्य देशों के राष्ट्रपतियों-प्रधानमंत्रियों के बीच राष्ट्रीय स्वार्थों का टकराव ऐसा था कि तीन दिनों तक गतिरोध बना रहा. यहां तक कि उनके बीच अच्छी-ख़ासी गर्मा-गर्मी भी रही. कई बार लगा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close