भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की फंडिंग में कटौती से प्रभावित हो सकते हैं फसल के खराब होने की मार झेल रहे किसान
18 फरवरी 2016 को, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया. इसके लॉन्च के बाद, पीएमएफबीवाई को खरीफ 2016 के दौरान 21 राज्यों द्वारा लागू किया गया था, जबकि 2016-17 के रबी सीजन में 23 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना को लागू किया. केंद्र सरकार ने 2016 के खरीफ सीजन में बेमौसम और खराब मौसम के कारण किसानों को...
More »आईएमडी की नई रिपोर्ट: 2021 में भीषण मौसम की वजह से 1,750 भारतीयों की मौत
इस साल जनवरी के महीने में दिल्ली-एनसीआर में शीतलहर जैसी स्थिति के कारण 100 से अधिक बेघर लोगों की मौत हो गई (कृपया यहां और यहां देखें). हालांकि दिल्ली स्थित एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (सीएचडी) ने यह दावा किया, और इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को सर्दियों के दौरान बेघर गरीबों के लिए उचित व्यवस्था करने के लिए कहा. हालांकि, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार के अधिकारी बोर्ड...
More »बिजली गिरने से होने वाली मौतों से बचने के लिए अधिक मौसम सुरक्षा जागरूकता और बिजली चेतावनी उपकरणों की आवश्यकता है!
मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम की शुरुआत में, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में एक ही दिन यानी 11 जुलाई, 2021 को बिजली गिरने से 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई. उन अलग-अलग घटनाओं से पहले इस साल 13 मई को असम के नगांव जिले में स्थित कंडाली प्रस्तावित रिजर्व फॉरेस्ट में बिजली गिरने से, अठारह हाथी एक पहाड़ी की...
More »खेती किसानी की हालत : आखिर कृषि मंत्रालय के आंकड़ों का सच क्या है ?
दो मंत्रालय और दो तरह के आकलन, क्षेत्र मगर एक, खेती-किसानी का ! आकड़ों के विरोधाभास की ऐसी हालत में कोई वास्तविक स्थिति का किस तरह अनुमान लगाये ? अगर ऊपर लिखी बात आपको किसी पहेली की तरह लग रही हो तो इस तथ्य पर गौर कीजिए-केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के नये आंकड़े में अनुमान लगाया गया है कि कृषि-क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन(जीवीए) पिछले साल के मुकाबले कम होगा. लेकिन, कृषि...
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