Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
खेतिहर संकट | आँकड़ों में गांव
आँकड़ों में गांव

आँकड़ों में गांव

Share this article Share this article

 


http://agricoop.nic.in/Annual%20report2010-11/ARH.pdf

-यद्यपि उद्योग एवं सेवा क्षेत्र में अधिक वृद्धि के कारण राष्ट्र की जीडीपी में कृषिक्षेत्र का योगदान घटकर 14.2 फीसद हो गया है फिर भी यह 58  से अधिक जनसंख्या की आजीविका का मुख्य स्रोत है।

 

-विश्व के कुल भूक्षेत्र के केवल 2.3 फीसद भाग के साथ भारत को विश्व जनसंख्या के लगभग 17.5 फीसद की अपनी जनसंख्या की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना होता है।

 

-2010-11 की दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र 4.4 फीसद की वृद्धि दर तक पहुंचा है जिससे 2010-11 की पहली छमाही के दौरान 3.8 फीसद की समग्र वृद्धि दर प्राप्त हुई है।

 

-2004-05 के मूल्य पर इस क्षेत्र में 2005-06 में 5.1 प्रतिशत, 2006-07 में 4.2 प्रतिशत, 2007-08 में 5.8 प्रतिशत एवं 2008-09 में (-) 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

 

-इस क्षेत्र में 2009-10 में रिकार्ड की गई 0.4 प्रतिशत की निम्न वृद्धि दर का मुख्य कारण 2009 में कम वर्षा होना था।

 

-2004-05 से 2009-10 के दौरान कृषि में कुल निवेश 7.5 फीसद से 7.7 फीसद के बीच प्रतिवर्ष बढ़ा है। विभिन्न योजनाओं संबंधी योजना-परिव्यय 2008-09 में 9865.58 करोड़ रूपये से बढ़कर 2010-11 में 17254 करोड़ हो गया है।

 

-खरीफ, 2010 में बोया गया क्षेत्रः  चावल (7.0 फीसद) , मक्का (6.9 फीसद), बाजरा (1.4 फीसद), तुर (23 फीसद)  उड़द (12.8 फीसद), मूंग 20.3 (फीसद), मूंगफली (11.6 फीसद), रामतिल (15.8 फीसद), एरंड (18.5 फीसद), कपास (8.4 फीसद), गन्ना (20.4 फीसद), और पटसन (9.7 फीसद) के  मामले में बोए गए क्षेत्र में वृद्धि हुई ।

 

-सोयाबीन (2.6 फीसद), सूरजमुखी (50.3 फीसद), तिल ( 3.2 फीसद) और ज्वार (1.2 फीसद) के तहत बोये गये क्षेत्र पिछले वर्ष की तुलना में कम है।

 

-कृषि उत्‍पादनः 2009-10 के चौथे अग्रिम आकलन के अनुसार खाद्यान्न उत्पादन 218.20 मिलियन टन आकलित किया गया है, जिसमें 103.84 मिलियन टन का खरीफ खाद्यान्न एवं 114.36 मि0टन का रबी खाद्यान्न शामिल है। इसके अलावा, 2008-09 (अंतिम आकलन) में 219.90 मिलियन टन की तुलना में सभी अनाजों का उत्‍पादन 203.61 मिलियन टन हुआ। 2009-10 में गेहूं एवं चावल का उत्पादन क्रमशः 80.71 मिलियन टन एवं 89.13 मिलियन टन आकलित किया गया है।

 

-हालांकि तिलहनों का उत्पादन 2008-09 में 27. 72 मिलियन टन से कम होकर 2009-10 में 24. 93 मिलियन टन हो गया। मूंगफली एवं एरंड बीज के उत्पादन में कमी के कारण ऐसा हुआ।

 

-कृषि में उत्पादकता वृद्धि मुख्य तौर पर पूंजी निर्माण पर निर्भर है। कृषि क्षेत्र में जीडीपी की तुलना में इस क्षेत्र में सकल पूंजी निर्माण जीसीएफ (निवेश) 2005-06 में 15.8 प्रतिशत से 2009-10 में 20.3 प्रतिशत तक अनवरत रूप से बढ़ा है।

 

(कृषि में पूंजी निर्माण: सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश अथवा पूंजी निर्माण में सिंचाई संबंधी निर्माण कार्य, कमान क्षेत्र विकास, भू-सुधार, वन रोपण, राज्य फार्मों का विकास आदि शामिल है। निजी क्षेत्र में पूंजी निर्माण में शामिल हैं:-भूमि के सुधार/पुनरोद्धार समेत निजी क्षेत्र में निर्माण कार्यकलाप, गैर-रिहायशी इमारतों, फार्म हाउस का निर्माण, कुओं एवं अन्य सिंचाई निर्माण कार्य इत्यादि। मशीनरी घटक में ट्रैक्टर, परिवहन उपकरण, कृषि मशीनरी/उपकरण शामिल है। इसमें पशुधन विकास भी शामिल है।)
 

·       सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स् ऑफिस द्वारा जारी(फरवरी 7,2011) 2010-11 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार कृषि और उसके सहयोगी क्षेत्रों का सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 14.2 फीसद का है(साल 2004-05 के मूल्यों के आधार पर)

 

·         साल 2004-05 से साल 2007-08 के बीच की अवधि में कृषि और उसके सहायक क्षेत्रों का सकल घरेलू उत्पादन में योगदान 5,65,426 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,55,080 करोड़ रुपये हो गया। इसके बाद अगले दो सालों(2008-09 से 2009-10) तक ठहरी रही।

 

·         साल 2004-05 में कृषि और सहायक क्षेत्रों का योगदान जीडीपी में 19.0 फीसदी था, साल 2008-09 में 15.7 फीसदी और साल 2009-10 में 14.6 फीसदी।

 

 

  इकॉनॉमिक सर्वे-2010-11 के अनुसार- http://indiabudget.nic.in/es2010-11/echap-08.pdf

 

 

 

·        सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स् ऑफिस के अग्रिम अनुमान के हिसाब से साल 2010-11 में कृषि और उससे जुड़े क्षेत्र में 5.4 फीसदी की बढ़ोतरी होगी

 

 

 

·         सकल घरेलू उत्पाद में समग्र साल 2004-05 से साल 2010-11 की अवधि में समग्र बढ़ोतरी का औसत 8.62 फीसदी का रहा जबकि कृषि क्षेत्र के लिए इसी अवधि में यह आंकड़ा 3.46 फीसदी की बढोतरी का है।

 

 

 

·         साल 2009-10 में दक्षिण-पश्चिम मानसून की स्थिति दयनीय रही और खरीफ की फसल का बहुत नुकसान हुआ लेकिन रबी की फसल बेहतर होने से कृषि-उत्पादन की दर तनिक (0.4 फीसदी) बढ़ी।

 

 

 

·         कृषि और उसके सहायक क्षेत्रों में सकल पूंजी निर्माण(ग्रास कैपिटल फॉरमेशन) साल 2004-05 से 2009-10 के बीच 6.6 से 8.2 फीसदी के दरम्यान रहा।

 

·         लगातार चार सालों, 2005-06 से 2008-09 तक खाद्यान्न के उत्पादन में बढ़ोतरी देखी गई। यह बढ़त साल 2008-09 में 234.47 मिलियन टन की रिकार्ड ऊँचाई तक पहुंच गई। साल 2009-10 में खाद्यान्न के उत्पादन में सूखे के कारण गिरावट (218.11 मिलियन टन) आई।

 

 

 

·         कृषि मंत्रालय द्वारा जारी अग्रिम अनुमानों(तारीख 9.2.2011) में कहा गया है कि साल 2010-11 में खाद्यान्न का उत्पादन 232.07 मिलियन टन होने की संभावना है जो पिछले साल के मुकाबले(234.47 मिलियन टन) थोड़ा ही कम है। संभावना है कि गेहूं( 81.47 मिलियन टन),दाल  (16.51 मिलियन टन) और कपास (170 किलोग्राम वज़न की कुल 33.93 मिलियन गांठें) के उत्पादन में रिकार्ड बढ़त होगी।

 

 

 

·         अग्रिम अनुमान के मुताबिक चावल का उत्पादन साल 2010-11 में 94.01 मिलियन टन होगा जो पिछले साल के मुकाबले 5.52 फीसदी अधिक है।

 

 

 

·         साल 2010-11 में गेहूं का उत्पादन अग्रिम अनुमानों के मुताबिक 81.47 मिलियन टन होगा जो पिछले साल के मुकाबले 0.83 फीसदी अधिक है।  

 

 

 

·         साल 2010-11 में मोटहन का उत्पादन अग्रिम अनुमानों के मुताबिक 40.08  मिलियन टन होगा जो पिछले साल के मुकाबले 19.46  फीसदी अधिक है।

 

 

 

·         साल 2010-11 में दाल का उत्पादन अग्रिम अनुमानों के मुताबिक 16.51   मिलियन टन होगा जो पिछले साल के मुकाबले 12.62 फीसदी अधिक है।

 

 

 

·         साल 2008-09 में पशुपालन और मत्स्यपालन का योगदान जीडीपी में 4.07 फीसदी था जो कृषि और उसके सहयोगी क्षेत्रों के कुल योगदान का 29.7 फीसदी है।

 

 

 

·         साल 2009-10 में, पशुपालन और मत्स्य पालन क्षेत्र में 112.5 मिलियन टन दूध, 59.8 अरब अंडे, 43.2 मिलियन किलो ऊन, और 4.0 मिलियन टन मांस का उत्पादन हुआ।

 

·         भारत दुनिया में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन करने वाला देश है। भारत में साल 1950-51 में दूध का उत्पादन 17 मिलियन टन था जो साल 2009-10 में बढ़कर 112.5 मिलियन टन हो गया है।.

 

 

 

·         देश में दूध की उपलब्धता साल 1968-69 में 112 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन थी जो अब साल 2009-0 में बढ़कर 263 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हो गई है। बहरहाल वैश्विक औसत 279.4 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन का है।

 

 

 

·         भारत में प्रति वर्ष 59.8 अरब से ज्यादा अंडों का उत्पादन होता है। इस हिसाब से भारत में प्रति व्यक्ति सालाना 51 अंडे उपलब्ध हैं। पॉलट्री मीट प्राडक्श साल 2008-09 में 1.85 मिलियन टन रहने का अनुमान जताया गया है।

 

 

 

·         मछली का उत्पादन साल 2007-08 में 7.14 मिलियन टन हुआ था जो साल 2009-10 में बढ़कर 7.85 मिलियन टन हो गया। इस क्षेत्र में कुल 1करोड़ 10 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिला हुआ है।

 

 

 



Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close