Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
भूख | मानव विकास सूचकांक
मानव  विकास सूचकांक

मानव विकास सूचकांक

Share this article Share this article

What's Inside

 
 

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने जारी की मानव विकास रिपोर्ट 2023-24 , पढ़ें इसकी खास बातें
रिपोर्ट के लिए कृपया यहाँ, यहाँ और यहाँ क्लिक कीजिए।
इस रिपोर्ट का थीम है- "ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: बँटी हुई दुनिया में सहयोग की पुनर्कल्पना" 


क्या किसी समाज या राष्ट्र की वास्तविक प्रगति का मानदंड केवल आर्थिक प्रगति है ? इसी सवाल का जवाब खोजते-खोजते मानव विकास रिपोर्ट की संकल्पना उभरकर सामने आई। मानव विकास रिपोर्ट (HDR) के साथ, उसके एक भाग के रूप में मानव विकास सूचकांक (HDI) भी जारी किया जाता है।

मानव विकास रिपोर्ट के साथ कई और सूचकांक जारी किये जाते हैं- जैसे पहला, असामनता समायोजित मानव विकास सूचकांक
दूसरा, लैंगिक विकास सूचकांक
तीसरा, लैंगिक असामनता सूचकांक
चौथा, बहुआयामी गरीबी सूचकांक: विकासशील देश
पाँचवाँ, ग्रहीय दबाव समायोजित मानव विकास सूचकांक

क्या है इस रिपोर्ट में?
मानव विकास का आकलन करने वालों के सामने सबसे बड़ा संकट यह था कि मानव विकास जैसे गुणात्मक पैमाने को गणितीय रूप में कैसे मापा जाएँ ? मानव विकास का सटीक आकलन तो नहीं किया जा सकता लेकिन इस रिपोर्ट के जरिये मानव विकास की वस्तुस्थिति और दिशा का मोटा-मोटा खाका तैयार किया जाता है। जिसके लिए तीन आयामों को आदहर बनाया जाता है। रिपोर्ट में तीनों आयामों का सार रूप पेश किया जाता है। पहला आयाम है स्वस्थ और दीर्घायु जीवन, दूसरा-  साक्षरता का अच्छा स्तर होना और तीसरा जीवन जीने का उचित स्तर होना।

मानव विकास सूचकांक चार संकेतकों से मिलकर बनता है-

जन्म के समय जीवन प्रत्याशा --सतत् विकास लक्ष्य 3),
स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष --सतत् विकास लक्ष्य 4.3),
स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष --सतत् विकास लक्ष्य 4.4),
सकल राष्ट्रीय आय-GNI--सतत् विकास लक्ष्य 8.5) 


मानव विकास रिपोर्ट 2023-24 में शामिल मानव विकास सूचकांक में वर्ष 2022 के विश्व के 193 देशों में भारत ने 134वीं रैंक हासिल की है।

कोविड से पहले, वर्ष 2019 में भारत का मानव विकास सूचकांक मूल्य 0.638 था जो कि वर्ष 2020 में यथावत रहा और वर्ष 2021 में घटकर 0.633 हो जाता है हालाँकि वर्ष 2022 में बढ़कर 0.644 हो जाता है।


वर्ष 2021 के लिए वैश्विक मानव विकास सूचकांक मूल्य 0.735 है जोकि वर्ष 2022 में बढ़कर 0.739 हो जाता है। वैश्विक मानव विकास सूचकांक मूल्य की तुलना में भारत का मूल्य वर्ष 2021 में 0.105 कम था वहीं वर्ष 2022 में 0.095 कम है।


रिपोर्ट के अनुसार, कई देश वर्ष 2020 या 2021 में, मानव विकास सूचकांक मूल्यों में आई गिरावट से अभी तक उभर नहीं पाए हैं। खासकर विकासशील देशों के मामले में। मानव विकास सूचकांक मूल्यों में आई यह गिरावट सतत् विकास लक्ष्त्यों को हासिल करने में बाधा पैदा करेगी। रिपोर्ट की माने तो कोविड से पहले विश्व समुदाय जिस रफ़्तार से आगे बढ़ रहा था, अगर उसी रफ़्तार पर कायम रहा होता तो वर्ष 2030 तक मानव विकास सूचकांक मूल्य 0.800 के आस-पास होता। नीचे दी गई तस्वीर को देखिये- 

 

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु-

  • सन् 1990 से 2022 तक भारत के मानव विकास सूचकांक मूल्य में 48.38% की वृद्धि हुई है। (0.434 से 0.644)
  • वर्ष 1990 में भारत के लोगों की जन्म के समय जीवन प्रत्याशा दर 58.7 वर्ष थी जो कि बढ़कर वर्ष 2022 में 67.7 वर्ष हो गई है।
  • इसी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1990 में अनुमानित स्कूली शिक्षा के वर्ष 8.0 थे जो कि बढ़कर वर्ष 2022 में 12.6 वर्ष हो गए हैं।
  • वहीं वर्ष 1990 में स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 2.8 थे जो कि बढ़कर वर्ष 2022 में 6.6 वर्ष हो गए हैं।
  • वर्ष 1990 में, भारत में, प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 1,796 अमेरिकी डॉलर थी जो कि बढ़कर वर्ष 2022 में 6,951 अमेरिकी डॉलर हो गई है।
  • भारत ने वर्ष 2021 के लिए 135 वीं रैंक हासिल की थी वहीं वर्ष 2022 में 134 वीं रैंक हासिल की है। गौरतलब है कि एक रिपोर्ट की तुलना दूसरी रिपोर्ट के साथ नहीं की जा सकती है क्योंकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्ठाएँ समय-समय पर आँकड़े संशोधित करती रहती हैं।
  • लेकिन इसी रिपोर्ट में दी गई टेबल 1, ऐसे आँकड़ों को लेकर बनाई गई है जिनकी तुलना की जा सकती है। 
  • टेबल 2 के अनुसार 1990 से लेकर 2022 तक औसत वार्षिक मानव विकास सूचकांक में भारत के लिए वृद्धि 1.24% रही वहीं चीन के लिए यह वृद्धि 1.55% , बांग्लादेश के लिए 1.63 %, म्यांमार के लिए 1.90 प्रतिशत और नेपाल के लिए यह वृद्धि 1.32 प्रतिशत रही।
  • भारत को इस रिपोर्ट में मध्यम मानव विकास समूह वाले देशों में रखा गया है। परन्तु भारत का मूल्य (0.644) मध्यम मानव विकास समूह वाले देशों के औसत मूल्य (0.640) की तुलना में अधिक है।
     

असमानता, विकास के वर्तमान मॉडल का सहउत्पाद है। जोकि पिछले काफ़ी समय से बढ़ रही है। असमानता के कारण मानव विकास के मूल्य में गिरावट आती है, उस गिरावट को असमानता-समायोजित मानव विकास सूचकांक में दर्ज किया जाता है। इस सूचकांक को वर्ष 2010 में पहली बार पेश किया था।
असमानता समायोजन के बाद भारत का मानव विकास मूल्य घटकर 0.444 हो जाता है। और भारत की रैंक 134 से गिरकर 140वीं हो जाती है। सबसे ज्यादा असमानता आर्थिक संकेतक के मामले में है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में, भारत की करीब 1 प्रतिशत अमीर आबादी के पास कुल संपत्ति का 21.7 प्रतिशत हिस्सा था।

इस सूचकांक के मामले में 0 का मान पूर्ण रूप से समानता को दर्शाता है वहीं 1 का मान असमानता को दर्शाता है ऊपर दिए गए चित्र से स्पष्ट है कि वर्ष 2022 में वर्ष 2021 की तुलना में असामनता बढ़ी है


लैंगिक विकास सूचकांक- मानव विकास मूल्य को लैंगिक नजरिये से देखने की कोशिश करता है। यानी जीडीआई, पुरुष एचडीआई और महिला एचडीआई का अनुपात है। इस सूचकांक की शुरुआत वर्ष 1995 में की थी।
वर्ष 2022 के लिए, भारत में, महिलाओं का एचडीआई वैल्यू 0.582 है, वहीं पुरुषों का 0.684
पुरुष एचडीआई वैल्यू और महिलाओं के एचडीआई वैल्यू के बीच का अंतर -0.101 है।

 

लैंगिक असमानता सूचकांक-  लैंगिक असमानता सूचकांक को बनाने के लिए तीन संकेतकों को आधार बनाया जाता है; प्रजनन स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और श्रम बाजार। इस सूचकांक के मामले में 0 का मान पूर्ण रूप से समानता को दर्शाता है वहीं 1 का मान असमानता को दर्शाता है।

वर्ष 2022 में भारत को लैंगिक असमानता सूचकांक में, 0.437 मान के साथ 193 देशों में से 108 वीं रैंक प्राप्त हुई है। वर्ष 2021 की तुलना में लैंगिक असमानता सूचकांक के मान में 0.013 की कमी आई है।
वहीं वर्ष 2022 के लिए पड़ोसी देश चीन का लैंगिक असमानता का मूल्य 0.186 है, बांग्लादेश का 0.498, श्रीलंका का 0.376 है।

भारतीय संसद की कुल सीटों में से 14.6 प्रतिशत सीटों पर महिला सदस्य बैठती हैं वहीं चीन में यह आंकड़ा 24.9% हो जाता है (2022 के आंकड़ों के अनुसार)
2022 में महिलाओं (15 वर्ष और उससे ऊपर) में श्रम बल भागीदारी दर 28.3 प्रतिशत थी वहीं पुरुषों में श्रम बल भागीदारी दर 76.1 % थी।

श्रम बल भागीदारी दर से तात्पर्य 15 वर्ष या उससे ऊपर के ऐसे लोग जो या तो कहीं कार्यरत हैं या फिर रोजगार की तलाश में हैं, का कुल काम करने की उम्र वाले लोगों के साथ अनुपात। यानी श्रम बल भागीदारी दर अर्थव्यवस्था में नौकरियों की मांग को दर्शाता है।

वर्ष 2020 में प्रति दस लाख जीवित बच्चों के जन्म पर 103 महिलाओं की मृत्यु हुई थी।

वर्ष 2022 में 15 से 19 आयु वर्ग की प्रति 1000 किशोरियों ने 16.3 बच्चों को जन्म दिया था।

 

ग्रहीय दबाव समायोजित HDI

मानव के विकास में पर्यावरण भी एक प्रमुख कारक है इसलिए मानव विकास रिपोर्ट में  "प्लेनेटरी प्रेशर एडजस्ट एचडीआई" (P-HDI)-ग्रहीय दबाव समायोजित HDI- की घोषणा की जाती है। 
P-HDI के मान को निकालने के लिए HDI के मान को देश के प्रति व्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन और प्रति व्यक्ति ‘मटेरियल फुटप्रिंट’ स्तर के साथ समायोजित किया जाता है।
वर्ष 2022 में भारत का HDI 0.644 है जो कि समायोजित हो जाने के बाद 0.625 हो जाता है। और भारत की रैंक 134 से गिरकर 141वीं हो जाती है।


 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close