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'नेट न्यूट्रैलिटी' है जरूरी, इंटरनेट पर क्यों हो किसी का एकाधिकार?

भारत में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या पिछले साल ही 35.4 करोड़ से अधिक हो चुकी थी. इसमें करीब 60 फीसदी इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन पर करते हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, इंटरनेट तक सभी लोगों की पहुंच समान रूप से रहे या किसी कंपनी को अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग दरें और स्पीड तय करने का एकाधिकार मिले, इस पर इन दिनों जोरदार बहस...

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जीएसटी सरकार की बड़ी चुनौती- जयंती लाल भंडारी

पिछले वर्ष देश टैक्स सरलीकरण की दिशा में आगे नहीं बढ़ पाया। ग्लोबल कसंल्टिंग फर्म डेलॉइट ने एशिया पेसिफिक टैक्स कॉम्प्लेक्सिटी सर्वे में बताया है कि एशिया में भारत सबसे जटिल टैक्स नियमों वाला देश है और निवेशकों के लिए यही सबसे बड़ी चिंता की बात है। सर्वे में शामिल 81 फीसदी लोगों का मानना है कि भारत में टैक्स नियम काफी कठोर हैं। इसीलिए इन दिनों दुनिया के आर्थिक...

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सस्ते कच्चे तेल की चुनौती-- रमेश कुमार दुबे

लगातार सस्ता होता कच्चा तेल भले ही तेल आयातक देशों का खजाना भर रहा हो, लेकिन अब इसके कई पर्यावरणीय व आर्थिक दुष्परिणाम निकलने की आशंकाएं हैं. कच्चे तेल की कीमतों के 40 डॉलर प्रति बैरल के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे जाने के बाद अब इसके 20 डॉलर तक गिरने के अनुमान किये जा रहे हैं. पहले कच्चे तेल की कीमतें मांग और आपूर्ति से निर्धारित होती थीं, लेकिन...

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आम आदमी को नहीं मिली राहत----भरत झुनझुनवाला

एनडीए सरकार का दूसरा वर्ष समाप्त होने को है। यूं तो सरकार की दिशा निर्धारित हो चुकी है। फिर भी नये वर्ष में दिशा परिवर्तन की जरूरत दिखाई पड़ती है। एनडीए के पहले कार्यकाल का विवेचन करने के पहले वर्तमान चुनौती कुछ स्पष्ट हो जाती है। वाजपेयी सरकार ने कम से कम चार महान उपलब्धियां हासिल की थीं। भारत को परमाणु शक्ति बनाया था, कारगिल युद्ध को जीता था, इनफारमेशन...

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बीतते हुए 2015 में टूटीं समृद्धि की उम्मीदें, अपेक्षा से कम आर्थिक विकास

इस बात की जरूरत है कि सरकार राजनीतिक इच्छाशक्ति से सब्सिडी में कटौती कर अधिक कुशल, बुद्धिमत्तापूर्ण तथा सतर्क कराधान के साथ-साथ उद्योग, बुनियादी ढांचे के विस्तार और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आकृष्ट कर पूंजीगत व्यय बढ़ाये़ अर्थव्यवस्था में कुछ मामूली बेहतरी के संकेतों को छोड़ दें, तो 2015 के आर्थिक रुझान बहुत उत्साहवर्द्धक नहीं रहे हैं. वर्ष के आखिरी महीने में संसद में पेश अर्द्धवार्षिक आर्थिक...

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