गांव कनेक्शन पिछले वर्ष नेपाल ने भारत की सब्जियों और फलों पर रोक लगा दी थी, साल 2014 में यूरोपियन देशों ने अल्फांसो आम के निर्यात पर रोक लगा दी थी, इसके पहले भी कई देशों ने भारत की सब्जियों और फलों के निर्यात पर रोक लगा दी थी, इनके पीछे एक ही कारण है कीटनाशक और रसायनों का अंधाधुंध इस्तेमाल। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट ने सब्जियों में कीटनाशकों के...
More »SEARCH RESULT
राजनीतिक दलों की बढ़ती वित्तीय आय में अपारदर्शी चुनावी चंदा
साल 2019 बीतते-बीतते प्रमुख राजनीतिक दलों की वित्तीय आय और इलेक्टोरल बॉन्ड यानि चुनाव में चंदे की नई व्यवस्था से जुड़ी कई खबरें और चर्चाएं सुनने को मिलीं. लोकतंत्र की बेहतरी के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने और पत्रकारों ने आरटीआइ कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनावी चंदा लेने के इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे अपारदर्शी तंत्र पर सवालिया निशान खड़े किए. इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगाने की मांग...
More »भारत की न्यायपालिका के लिए 2019 क्यों एक भुला देने वाला साल है
यदि भारत की कोई संवैधानिक संस्था 2019 की ओर पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहेगी, तो वो है न्यायपालिका. वैसे तो भारतीय न्यायपालिका का प्रदर्शन हाल के वर्षों में खराब ही रहा है, फिर भी 2019 ने इसके अपयश में कई नए पन्ने जोड़े हैं. न्यायपालिका संवैधानिक नैतिकता और वैधता के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार के उपेक्षा भाव का खामियाजा झेल रहे लोगों के पक्ष में खड़े होने में विफल रही है. और...
More »सोशल मीडिया के दुरुपयोग ने ख़तरनाक रूप ले लिया है, सरकार हस्तक्षेप करे: सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर सख्त रवैया अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग खतरनाक हो गया है. समय आ गया है कि केंद्र सरकार इसमें दखल दे. कोर्ट ने केंद्र सरकार से ऐसे मामलों से निपटने के लिए सख्त दिशानिर्देश बनाने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन हफ्ते के भीतर वह समयसीमा बताने के लिए कहा है जिसमें सोशल...
More »सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार, कोई देश अपने लोगों को मरने के लिए गैस चैंबर में नहीं भेजता
नई दिल्ली: देश में मैनुअल स्कैवेंजर्स (मैला ढोने के काम में लगे लोग) की मौतों और उन्हें सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार की खिंचाई की. शीर्ष अदालत ने कहा कि देश की स्वतंत्रता को 70 साल से अधिक बीत चुके हैं लेकिन आज भी जातिगत भेदभाव बरकरार है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अदालत ने कहा, ‘दुनिया के किसी देश में लोगों को...
More »