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Total Matching Records found : 218

देश में साढ़े चार लाख से ज्यादा परिवार बेघर !

आजादी के अड़सठ साल बाद भी देश में कम से कम साढ़े चार लाख परिवार बेघर हैं। बेघर परिवारों में से प्रत्येक का औसत तकरीबन चार( 3.9 व्यक्ति) व्यक्तियों का है। जनगणना के नये आंकड़ों(2011) से पता चलता है बीते एक दशक(2001-2011) के बीच बेघर लोगों की संख्या 8 प्रतिशत घटी है तो भी देश में अभी कुल 17.7 लाख लोग बिल्कुल बेठिकाना हैं। हालांकि देश की कुल आबादी में बेघर...

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अपनों के हाथो दुर्व्यवहार के शिकार हो रहे हैं बुजुर्ग- नई रिपोर्ट

परिवार-जन के हाथो दुर्व्यवहार का शिकार होने वाले बुजुर्गों की संख्या में बढोत्तरी हो रही है और उनमें से ज्यादातर मदद के लिए चलायी जा रही पुलिस हैल्पलाइन के बारे में जानते हैं, तो भी वे मदद के लिए यह तरीका नहीं अपनाते। इस विचित्र लगते तथ्य की क्या व्याख्या हो सकती है ?   दुर्व्यवहार के शिकार बुजुर्गों के सर्वेक्षण पर आधारित नई रिपोर्ट एल्डर्स एब्यूज इन इंडिया के अनुसार साल 2014 में दुर्व्यवहार के शिकार बुजुर्गों की...

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भारत की खेतिहर आबादी में सबसे तेज गति से इजाफा- नई रिपोर्ट

बीते तीन दशक में भारत की खेतिहर आबादी दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले सबसे तेज गति से बढ़ी है। वर्ल्डवाच इंस्टीट्यूट के एक नये अध्ययन के अनुसार साल 1980 से 2011 के बीच भारत में खेतिहर आबादी में 50 फीसदी और चीन में 33 फीसदी की बढोतरी हुई है जबकि अमेरिका की खेतिहर आबादी में इसी अवधि में 37 फीसदी की कमी आई है। (कृपया देखें नीचे दी गई...

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शहरी भारत में बढ़ रही है निशक्तजन की तादाद

कागज पर परिभाषा बदल दो, सच्चाई बदल जायेगी ! गरीबों की संख्या कम बताने के लिए के लिए योजना आयोग इस साल कुछ ऐसा ही करतब दिखायाथा!निशक्तजन(Disabled) की परिभाषा बदलकर सच्चाई बदलने का कुछ ऐसा ही करतब 2011 की जनगणना में भी दिखाया गया है। निशक्तजनों की संख्या के बारे में 2011 की जनगणना के नये आंकड़े हाल ही में जारी किए गए हैं और इन आंकड़ों के मुताबिक निशक्तजनों की...

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स्वास्थ्य बीमा- मौजूदा चलन और चुनौतियां

The shortfalls of the health system-low levels of public health expenditure, poor infrastructure, lack of skilled human resources, inadequate supply of medicines, poor quality of care, corruption, etc. are not unknown. However, increasingly, health planning and policy discussions are foregrounding corporatization and privatization. Insurance and public private partnerships (PPPs) are the buzzwords that are claimed as pathways to universal health care, improving access to health care, etc. Notwithstanding the various...

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