फ़रवरी 2008 में चतरा के नक्सल दृष्टि से सुपर सेंसिटिव गांवों में जाना हुआ. साथ के मित्रों के भय और आशंका के बीच, देर शाम तक घूमना हुआ. सूनी सड़कों पर मरघट की खामोशी के बीच. तब तक लिखा यह अनुभव भी छपा नहीं. पाठक पढ़ते समय ध्यान रखें यह फ़रवरी 2008 में लिखी गयी रपट है. कभी डालटनगंज-चतरा के इन इलाकों में खूब घूमना हुआ. समाजवादी चिंतक, अब बौद्ध अध्येता व...
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गेहूं भंडारण का प्रबंधन फिफ्टी-फिफ्टी - अश्विनी शर्मा, करनाल
धरती को मेहनत से सींचकर एक-एक दाना उगाने वाले किसान बरसात में गेहूं को भीगते हुए देखकर रुआसा हो जाते हैं। उचित भडारण न होने से जुंडला में हजारों क्विंटल गेहूं बरसात में भीग गया, तो इंद्री में हजारों क्विंटल गेहूं में सुरसुरी लग गई। राहत की बात यह है कि असंध, घरौंडा, करनाल, नीलोखेड़ी आदि छोटी मंडियों से खरीदे गए गेहूं का उचित भंडारण होने से बरसात की मार...
More »बंट रहा सड़ा अनाज ताकि न गिरे गाज - प्रवीन कौशिक
फरीदाबाद. अफसरों की लापरवाही से हर साल गोदामों में सड़ने वाला अनाज गरीबों को बांटे जाने वाले अनाज में मिलाकर बांटने का गोरखधंधा जिले में धड़ल्ले से चल रहा है। नियमानुसार स्टाक में रखा अनाज खराब होने पर संबंधित अधिकारी को पेनल्टी भरना पड़ती है, मगर चौंकाने वाली बात यह है कि हर साल लाखों रुपए का अनाज खराब होने के बाद भी आज तक किसी भी अधिकारी से...
More »अब महिलाएं होंगी घर की मुखिया! -- यूपीए के खाद्य सुरक्षा बिल में प्रावधान
यूपीए सरकार के प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल में पुरुषों के बजाये महिलाओं को घर के मुखिया का दरजा मिल सकता है. सरकार रियायती दर पर अनाज देने के लिए महिलाओं को घर का मुखिया मानते हुए उनका चयन करेगी. सरकार की इस कल्याणकारी योजना में यह अनोखा प्रस्ताव बाद में जोड़ा गया है. खाद्य सुरक्षा बिल के प्रस्ताव पर पूर्व में हुई चरचाओं में इस तरह की कोई प्रावधान नहीं...
More »खराब होने की कगार पर 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं : भीमसिंह मीणा
भोपाल मप्र सरकार द्वारा खरीदे गए ४१ लाख मीट्रिक टन गेहूं में से २३ लाख मीट्रिक टन खराब होने की कगार पर है। इसके लिए राज्य शासन की भंडारण व्यवस्था तो जिम्मेदार है ही, लेकिन इससे भी ज्यादा केंद्र सरकार दोषी है, जिसने अब तक अपने हिस्से का २३ लाख मीट्रिक टन गेहूं उठाने के लिए कोई पहल नहीं की है। जबकि अब मानसून आने में बमुश्किल २क् दिन बचे...
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