SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1713

गन्ने की कड़वाहट- अरविन्द कुमार सेन

जनसत्ता 30 नवंबर, 2013 : सियासत का हद से ज्यादा हस्तक्षेप किस तरह एक संगठित उद्योग को तबाही के कगार पर ला खड़ा करता है, गन्ना उद्योग इसकी मिसाल है। कुछ समय पहले सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस चुके मुजफ्फरनगर-शामली इलाके के लोगों को अब गन्ने के दाम की फिक्र सता रही है। आमतौर पर उत्तर प्रदेश में सरकार अगस्त-सितंबर में मिल मालिकों और किसानों से बातचीत करके आरक्षी क्षेत्र...

More »

आदिवासी विमर्श का दायरा- अनिल चमड़िया

जनसत्ता 25 नवंबर, 2013 : बढ़ता कृषक असंतोष, छिटपुट विस्फोटों से प्रकट हो रहा है- भू-स्वामियों के बढ़ते शोषण और दमन के विरोध में सशस्त्र प्रतिरोध की तरफ बढ़ता हुआ यह घटनाचक्र पूरे देश के पैमाने पर, विशेषकर आदिवासियों की तरफ फैलता जा रहा है।’ क्या शीर्षक (आदिवासी: शोषितों में सबसे बुरी स्थिति) समेत इन पंक्तियों के बारे में यह ठीक-ठीक अनुमान लगाया जा सकता है कि ये कब लिखी गई होंगी?...

More »

बुजुर्गों की दीन-दशा और दिल्ली में पेंशन परिषद का धरना

एक ऐसे समय में जब महंगाई ऐतिहासिक ऊँचाई छू रही है, यह कयास लगाना मुश्किल नहीं कि बुजुर्गों के लिए जीवन जी पाना सबसे ज्यादा कठिन साबित हो रहा है। पेंशन परिषद द्वारा जारी एक वक्तव्य के अनुसार फिलहाल देश में 60 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्गों को सरकार की तरफ से सामाजिक सुरक्षा के नाम पर 200 रुपये का मासिक वृद्धावस्था पेंशन मिलता है और उम्र की आठ दहाई पार कर चुके बुजर्गों...

More »

‘मुझे अब भी यकीन नहीं होता कि मैं आजाद हो गई हूं’

हाल ही में दिल्ली और हरियाणा के सोनीपत से छुड़ाई गई दो लड़कियों की कहानी तहलका की उस पड़ताल की पुष्टि करती है कि असम के लखीमपुर से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके उन्हें बंधुआ मजदूरी के नरक में धकेला जा रहा है. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. उत्साह और ऊर्जा से भरी 17 साल की जुलिता को देखकर पहली नजर में यकीन करना मुश्किल है कि वह अभी-अभी बंधुआ मजदूरी,...

More »

अभिशाप बना खनन-उद्योग- पी जोसेफ

राज्य के बंटवारे के बाद कहा जा रहा था कि बिहार राज्य में राजस्व का कोई स्रोत नहीं बचा. सभी खनन क्षेत्र झारखंड में जाने के कारण बिहार आर्थिक बदहाली में पहुंच जायेगा, पर ऐसा नहीं हुआ. बिहार में मात्र बालू एवं पत्थर से खनन क्षेत्र में लगभग झारखंड राज्य के जितना ही राजस्व आ रहे हैं. दूसरी तरफ, झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझे जानेवाले इस उद्योग को उचित...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close