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इन नीतियों से कृषि नहीं उबरेगी

“नीतियों का फोकस बदलें और प्रतिबंधों से मुक्त कर किसान को अपनी बुद्धिमानी से चयन करने दें” कृषि क्षेत्र की नीतियां बनाने में खाद्य सुरक्षा पर फोकस रहा है। यह वाजिब भी है क्योंकि देश में खाद्य वस्तुओं की कमी और आयात पर निर्भरता से निपटने के लिए हरित क्रांति इसी वजह से शुरू की गई। वाजिब कीमत पर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता हमारी नीतियों के केंद्र में रही और बाद...

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वैश्विक आर्थिक सुस्ती का कितना असर हुआ है देश के आयात-निर्यात पर, पढ़िए इस एलर्ट में..

घरेलू स्तर पर मांग में आयी कमी नहीं बल्कि अपने देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर व्याप्त आर्थिक सुस्ती की चपेट में है- क्या ऐसा कहना उचित है? अगर ये बात ठीक है तो फिर व्यापार से संबंधित आंकड़ों में इसकी झलक मिलनी चाहिए. ऐसी स्थिति में हमारे निर्यात में इजाफा और आयात में कमी परिलक्षित होनी चाहिए. लेकिन आंकड़ों से ऐसा नहीं झलकता- आंकड़ों से एक मिली-जुली तस्वीर झांकती...

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वाहन उद्योग: सुस्ती से उबारने के लिए निजी वाहन नहीं, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना जरुरी है

बिक्री के मोर्चे पर सुस्ती झेल रहे वाहन उद्योग को गति देने के लिए बीते 23 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई अहम घोषणाएं की. इसमें सरकारी विभागों पर वाहनों की खरीद के मामले में लगी रोक को हटाना, घोषणा के दिन से मार्च 2020 तक खरीदे गये वाहनों पर 15 फीसद अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति देना (15 फीसद का मूल्यह्रास पहले से लागू होने के कारण अब यह 30...

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ट्रैक्टरों की खरीद में कमी से जानिये बढ़ते ग्रामीण-संकट का हाल, इस न्यूज एलर्ट में

ट्रैक्टरों की खरीदारी का देश की अर्थव्यवस्था में आ रहे उतार-चढ़ाव से क्या रिश्ता हो सकता है ? अगर इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको जेहन पर ज्यादा जोर देना पड़ रहा हो तो इस न्यूज एलर्ट को ध्यान से पढ़िए और सोचिए कि ट्रैक्टरों की खरीदारी के जिस आंकड़े के सहारे अर्थशास्त्रियों का एक समूह देश की अर्थव्यवस्था की खुशहाली के निष्कर्ष निकाल रहा है, उन्हीं आंकड़ों...

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जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी

शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...

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