-आइडियाज फॉर इंडिया, भारत में, घरों में इनडोर पाइप से पेय जल (आईपीडीडब्ल्यू) की आपूर्ति बहुत सीमित है, और महिलाओं पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है क्योंकि उन्हें बाहर से पानी लाने का बोझ उठाना पड़ता है। यह लेख 2005-2012 के भारत मानव विकास सर्वेक्षण डेटा का उपयोग करते हुए दर्शाता है कि परिवारों को इनडोर पाइप से पेय जल मिलने से रोजगार में- विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि...
More »SEARCH RESULT
कोविड-19 से मौतों के आंकड़े सही नहीं, तकनीकी आधार पर मुआवज़ा ख़ारिज न करें: सुप्रीम कोर्ट
-द वायर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्यों द्वारा जारी किए गए कोविड-19 से हुईं मौतों संबंधी आधिकारिक आंकड़े ‘सच नहीं’ थे और राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे उन मृतकों के परिजनों को मुआवजा प्रदान करें, जिन्होंने मुआवजे के लिए आवेदन दिया है और तकनीकी आधार पर उनके दावों को खारिज न करें. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के मुताबिक, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्ना...
More »आर्थिक विकास तो महत्वपूर्ण है, लेकिन भारत को बेरोजगारी, गरीबी, स्वास्थ्य, पर्यावरण पर भी ध्यान देना जरूरी है
-द प्रिंट, बजट और आर्थिक सर्वेक्षण से व्यापक अर्थव्यवस्था के लिए सरकार की जो रणनीति उभरती है उसे इन शब्दों में सरलता से कहा जा सकता है—आर्थिक वृद्धि सभी समस्याओं का समाधान कर देगी. यह रणनीति दो दशक पहले कारगर होती थी जब व्यापक अर्थव्यवस्था के संकेतक आज के वित्तीय घाटे के लिहाज से हुआ करते थे, सरकारी कर्ज पर ब्याज भारी होता था, और बैंक समस्याओं से ग्रस्त होते थे....
More »केंद्रीय बजट में दलित-आदिवासी के लिए प्रत्यक्ष लाभ कम, दिखावा अधिक
-न्यूजक्लिक, इस वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अनुसूचित जातियों (अजा) के लिए बजट कुल 1,42, 342.36 करोड़ रुपये और अनुसूचित जनजाति (अजजा) के लिए कुल 89,265.12 करोड़ रुपये तय किया गया है। अजा के लिए 329 योजनाओं और अजजा के लिए 336 योजनाओं को क्रमश: अनुसूचित जाति कल्याण (AWSC) और अनुसूचित जनजाति कल्याण (AWST) के लिए बजट में शामिल किया गया है। हालांकि, आवंटित बजट दिखने में काफी बड़ा लगता है। लेकिन...
More »चीन को लेकर मतदाताओं को लुभाया जा सकता है लेकिन आप बेरोजगारों को कैसे साधेंगे
-द प्रिंट, निर्मला सीतारमण के लिए जरूर ही बहुत मुश्किल रहा होगा ये सबकुछ कर पाना. तेज दिमाग, तेज जबान और सियासी मौकों को भांप लेने की गजब की सलाहियत होने के बावजूद नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए 2022-23 का बजट तैयार करना और उसमें तुक बैठाना कोई आसान काम नहीं था. आखिर, निर्मला सीतारमण तेजी से छलांग लगाती एक ऐसी अर्थव्यवस्था की वित्त मंत्री हैं जो जल्दी ही 5 ट्रिलियन...
More »