सुमेधा पुराणिक चौरसिया, इंदौर। आदिवासी इलाकों के किसानों के लिए फूलों की खेती मुनाफे का धंधा साबित हुई। जो किसान गेहूं-चना-सोयाबीन के अलावा कुछ दूसरा बोने की सोच ही नहीं पाए थे। वे अब नई तकनीक से जुड़कर फूलों की खेती कर रहे हैं। कम खर्च में बडा मुनाफा होने से यह खेती किसानों को कर्ज से उबारने में मिल का पत्थर साबित हुई। चोरल के आसपास के करीब पांच...
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ज्यां द्रेज़: सामाजिक नीति का कथा पुराण
आज शायद ही किसी को वह चिट्ठी याद होगी जिसे सात अगस्त 2013 को नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा था. इस चिट्ठी में मोदी ने दुख जताया था कि "खाद्य सुरक्षा का अध्यादेश एक आदमी को दो जून की रोटी भी नहीं देता." खाद्य-सुरक्षा के मामले पर लोकसभा में 27 अगस्त 2013 को बहस हुई तो उसमें भी ऐसे ही मनोभावों का इज़हार हुआ. तब भारतीय जनता पार्टी के...
More »तरक्की का चमत्कार हिबड़े बाजार
कुशल प्रशासन और चुस्त प्रबंधन की वजह से महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के हिबड़े बाजार गांव की आज पूरे देश में चर्चा है. कैसे एक युवा सरपंच के नेतृत्व में एकजुट हिबड़े बाजार के लोगों ने गरीबी से न केवल मुक्ति पा ली, बल्कि आज पूरा गांव आत्मनिर्भर है. ‘राहें और भी हैं' की इस सीरीज में आज पढ़ें गवर्नेस के सफल मॉडल बन चुके हिबड़े बाजार की तरक्की की...
More »वंचित भारत की कहानी- इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट की जुबानी
‘अतुल्य भारत' के भीतर एक वंचित भारत रहता है,दलित और आदिवासी समुदाय इसी वंचित भारत के वासी हैं। क्या इस वंचित भारत का निर्माण राज्यसत्ता के हाथों जीवन के लिए जरुरी बुनियादी सेवा-सामानों से लोगों को बेदखल करके हुआ है? जैसा कि नाम से ही जाहिर है,इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट 2013-14 का एक निष्कर्ष यह भी है! (कृपया देखें नीचे दिया गया रिपोर्ट की भूमिका की लिंक) मिसाल के लिए इन...
More »सामान्य छात्रों के बीच बैठकर पढ़ती हैं 11 दृष्टिबाधित छात्राएं
रायपुर । दृष्टि न होना कोई अभिशाप नहीं है। दृष्टि न हो, तब भी इच्छा-शक्ति और लगन के बल पर वह सबकुछ हासिल किया जा सकता है, जो सामान्य व्यक्ति कर सकता है। बस जरूरत है इनके मनोबल को बढ़ाने की, इन्हें बताने की कि ये कमजोर नहीं हैं। शासकीय दूधाधारी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय (डिग्री गर्ल्स कॉलेज) ने यही काम किया। यहां ऐसी 11 छात्राएं पढ़ रही हैं, जो दृष्टिबाधित...
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