बीते महीने शिलांग में हुए सूचना के अधिकार के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि आरटीआई का कानून शासन में पारदर्शिता,जवाबदेही और जनता की भागीदारी की एक नई राह खोल रहा है। और अब ,नागरिक संगठनों द्वारा सरकारी लोकपाल बिल के विकल्प के रुप में जो मसौदा तैयार किया गया है उससे इस बात पर मुहर लग गई है। भ्रष्टाचार निरोधी जन लोकपाल बिल के नाम से...
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आरटीआई कानून- हंगामा है क्यों बरपा ?
जो कभी इसके पैरोकार थे वही सूचना का अधिकार अधिनियम के कानूनी शक्ल लेने के पाँच साल बाद इतने चिन्तित क्यों है ? किस लिए एक बार फिर से इस मुद्दे पर धरना, रैली, सम्मेलन और भूख-हड़ताल की बाढ़ सी आई हुई है ? इसकी एक वजह तो यही है कि सूचना का अधिकार कानून से जिस मौन क्रांति का चक्का चल पडा है, उसकी गति को निहित स्वार्थवश किए...
More »महिला सशक्तिकरण का यक्ष प्रश्न- डॉ. ऋतु सारस्वत
नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
More »गुड गवर्नेस की उम्मीद या दिखावा - अश्विनी कुमार
मध्य प्रदेश के पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट 2010 से प्रेरणा लेकर बिहार पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट लागू करने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्ताव से बिहार में गवर्नेस के नये युग की शुरुआत होने की उम्मीद है. इस कानून के संबंध में नीतीश ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार और उसकी संस्थाओं द्वारा दी जाने वाली सुविधा पाना लोगों का अधिकार है और इस काम में लगे अधिकारी अगर ऐसा नहीं...
More »प्रतिबद्ध पत्रकार बड़ा बदलाव ला सकते हैं- ज्यां द्रेज
1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ? झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...
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