महज पांच साल पहले कोसी नदी के किनारे एक खूबसूरत और समृद्ध गांव था बनैनिया. मिथिलांचल और कोसी के इलाकों को जोड़ने के लिए जब महासेतु बना, तो बनैनिया डूब गया. थोड़ी-सी प्रशासनिक सजगता इस गांव को बचा सकती थी. गुणानंद ठाकुर जैसे सांसद और मायानंद मिश्र जैसे बड़े साहित्यकार का यह गांव अब कोसी की धारा में समा गया है. गांव के लोग 22 अलग-अलग गांवों में रहते हैं....
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क्या जरूरी है कि नींद झटके से ही खुले? - गोपालकृष्ण गांधी
मैंने कक्षा में सिंधु घाटी सभ्यता पर लेक्चर खत्म किया ही था और सोच रहा था कि क्या मुझे अगली क्लास में सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के कारणों (जिनमें भूकंप भी शामिल है) पर बात करनी चाहिए कि तभी मेरी कुर्सी, डेस्क, लैपटॉप सभी डगमगाने लगे। वास्तव में, ऐसा लग रहा था, जैसे पूरी दुनिया ही डोल रही हो। चंद मिनटों बाद मैंने इस भूकंप के बारे में और...
More »किसके सपने-- मुज्तबा मन्नान
हाल ही में मुझे प्राथमिक शिक्षा से जुड़े एक सर्वेक्षण के दौरान राजस्थान के राजसमंद जिले के एक स्कूल में पांचवीं और छठी कक्षा के बच्चों से बातचीत करने का मौका मिला। कक्षा में पहुंचते ही असमंजस में पड़ गया कि बच्चों से बातचीत की शुरुआत कहां से करूं, पाठ्यपुस्तकों से या किसी और विषय से! दरअसल, इससे पहले मेरा बच्चों को पढ़ाने से संबंधित कोई अनुभव नहीं रहा था।...
More »दाल का हाल : आत्मनिर्भरता से कितना दूर है देश ?
क्या निकट भविष्य में देश दलहन के मामले में आत्मनिर्भर हो पाएगा जैसा कि केंद्र की नई सरकार के एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री ने वादा किया था ? दलहन के उत्पादन, आयात और उपभोग से संबंधित हाल का एक अध्ययन प्रधानमंत्री के वादे के विपरीत इशारे करता है. मिसाल के लिए अध्ययन के इन तथ्यों पर गौर करें : साल 2030 तक भारत की आबादी के 1.68 अरब होने के अनुमान हैं...
More »राजकोषीय घाटा चिंता का विषय नहींः जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि राजकोषीय घाटे को लेकर सरकार चिंचित नहीं है। सरकार विनेवेश में सामने आ रही कठिनाईयों के बावजूद इस घाटे को नियंत्रित करने में सक्षम है। जेटली ने कहा मुझे नहीं लगता है कि कोई चिंता की बात है .. सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य बहुत हल्का रखा था जो 4.1 प्रतिशत घट कर चार प्रतिशत हो गया और (2015-16) के...
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