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क्यों ठीक नहीं है 'फेक न्यूज' शब्द का प्रयोग- पढ़िए, युरोपीय कमीशन की इस रिपोर्ट में..

फेक न्यूज क्या है, क्या आपने कभी इसकी परिभाषा करने के बारे में सोचा है ? किसी जवाब तक पहुंचने से पहले नीचे दर्ज दो घटनाओं पर गौर कीजिए!   नोटबंदी के वक्त एक वीडियो वायरल हुआ कि सरकार ने जो नये नोट जारी किए हैं उनमें जीपीएस-ट्रैकिंग माइक्रोचिप्स लगे है. क्या उस वीडियो को फेक न्यूज का उदाहरण माना जाये, जैसा कि उस वक्त एक खबर में करार दिया गया ? नये नोट...

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पत्थलगड़ी : यूसुफ पूर्ति ने कहा- वर्जित क्षेत्र में घुस कर सीएम व प्रशासन कर रहे तानाशाही

खूंटी : खूंटी के भंडरा में पत्थलगड़ी के एक वर्ष पूरे होने पर शुक्रवार को स्थानीय बाजारटांड़ में सभा का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने ग्राम सभा को सशक्त करने, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में रुढ़िवादी परंपरा से शासन व्यवस्था संभालने की बात कही. आदिवासियों से एकजुट होने की अपील की. सभा के दौरान वीर बिरसा मुंडा के जयकारे लगाये गये. सभा स्थल के चारों तरफ तीर-धनुष से लैस...

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आधी-अधूरी स्वायत्तता से साख को आंच -- विश्वनाथ सचदेव

वर्ष 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी, उनके पुत्र राजीव गांधी बंगाल में किसी दूरदराज इलाके में थे। जब उन्हें यह सूचना मिली तो कहते हैं कि उन्होंने तत्काल रेडियो बीबीसी लगाकर सूचना की पुष्टि की थी। इस बात को बीबीसी की विश्वसनीयता के एक उदाहरण के रूप में याद किया जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि विश्वसनीयता के संदर्भ में लंबे अर्से तक बीबीसी द्वारा...

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एक साल में भारत में करप्शन बढ़ा, 2 पायदान फिसला

नई दिल्ली. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने वर्ष 2017 के लिए दुनियाभर के देशों का करप्शन इंडेक्स जारी कर दिया है। इस मामले में भारत दो पायदान फिसलकर 183 देशों में 81वें स्थान पर जा पहुंचा है। 2016 में भारत 79वें नंबर पर था। रैंकिंग के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने 0 प्वाइंट (सबसे ज्यादा करप्ट) से 100 प्वाइंट (करप्शन बिल्कुल नहीं) के स्केल का इस्तेमाल किया है। इस तरह 183 देशों में...

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बांध, पर्यावरण और जनजीवन-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

महानंदा नदी को क्या कोसी नदी की तरह ही बिहार या सीमांचल का अभिशाप कहा जा सकता है? यह सवाल उठा रहे हैं कटिहार जिला के कदवा प्रखंड में जमा हुए हजारों लोग. देश में राजनीति के बदले माहौल में भी यदि यह संभव हो सका कि आस-पास के कई विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान और भूतपूर्व विधायक अपनी पार्टियों की पहचान से ऊपर उठकर एक मंच पर आ सकें और...

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