22 अप्रैल को दुनिया के 192 देश 46वां विश्व पृथ्वी दिवस मना रहे हैं। लेकिन मात्र एक दिन पृथ्वी दिवस के रूप में मना कर हम प्रकृति को बर्बाद होने से नहीं रोक सकते हैं। जीवन और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हैं। पर्यावरण के बगैर जीवन असम्भव है। कोई दो राय नहीं कि अगर पृथ्वी खतरे में रहेगी तो मनुष्य जाति भी खतरे में रहेगी। दुर्भाग्यवश पृथ्वी का अस्तित्व खतरे...
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पीपीपी योजना से बढ़ेगी देश में पेड़ों की खेती
इंदौर, 10 अप्रैल (एजेंसी) देश के वृक्ष आवरण में इजाफे के साथ लकड़ी का आयात घटाने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के आधार पर महत्वाकांक्षी योजना का खाका तैयार किया है। इस योजना के तहत निजी फर्मों को वन्य क्षेत्रों की बंजर जमीन पर उपयोगी लकड़ी वाले पेड़ों की खेती की अनुमति दी जाएगी। पर्यावरण और वन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को यहां...
More »सूखा और जल संसाधन प्रबंध-- बिभाष
महाराष्ट्र फिर सूखे के चपेट में है. बुंदेलखंड पहले से ही समाचारों में बना हुआ है. खेती और किसानों को लेकर रोज बुरी खबरें आ रही हैं. महाराष्ट्र में पानी की कमी का लगातार तीसरा साल है. बुंदेलखंड में भी सूखे का चौथा साल चल रहा है. खेती बुरी तरह से संकट में है. दरअसल, पूरा मामला जल और भूमि के कुप्रबंध का है. देश में हर साल कहीं...
More »अब नजर नहीं आतीं नन्हीं गौरैया, संरक्षण के लिए नहीं उठे कदम
कभी हमारे घरों को अपनी चीं..चीं से चहकाने वाली गौरैया अब नजर नहीं आतीं हैं। करीब 10 सालों से यह घरेलू पक्षी शहर से विलुप्त हो चुकी है। गांवों की तरफ भी कभी- कभार चहचहाहट सुनाई पड़ती है। घरों की बदलती डिजाइन, इलेक्ट्रिक पंखे समेत कई ऐसे कारण हैं जो नन्हीं गौरैया को बेदखल करने के लिए जिम्मेदार है। वन विभाग ने भी कभी इनके संरक्षण की दिशा में ठोस...
More »दलितों को मनुष्य न मानना!-- तरुण विजय
तमिलनाडु में शंकर और कौशल्या ने अपने-अपने समाज के रूढ़िवादी इच्छा के विरुद्ध प्रेम-विवाह किया. दोनों हिंदू हैं एवं आस्तिक व श्रद्धालु हिंदुओं की तरह वे विवाह बंधन में बंधे. कौशल्या उस जाति से है, जिसे वनियार कहा जाता है, और वे बाकी तथाकथित सवर्ण जातियों की तरह स्वयं ऊंचा मानते हैं. शंकर का परिवार अनुसूचित जाति से है, जिसे ये ऊंची जाति का अहंकार रखनेवाले छोटा और अस्पृश्य मानते...
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